पटना : भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं. उनका सामान्य कार्यकर्ता से लेकर पार्टी के शीर्ष नेता बनने तक का सफर काफी लंबा रहा है. नड्डा अपने मिलनसार व्यक्तित्व, सरल-स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. यही कारण है कि कई कद्दावर नेताओं को पीछे छोड़ते हुए नड्डा को पार्टी के नेतृत्व की जिम्मेदारी दी गई है.
जगत प्रकाश नड्डा का जन्म दो दिसंबर 1960 में पटना बिहार में हुआ था. इनके पिता नारायण लाल नड्डा पटना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं. नड्डा ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा बिहार में आरम्भ की थी. वहीं, स्नातक की डिग्री पटना विश्वविद्यालय से पूरी की थी.
जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका
नड्डा ने पटना में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय होकर अनेक आंदोलनों के साथ 1975 के जय प्रकाश नारायण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. इसके बाद जेपी अपने पैतृक राज्य हिमाचल में वापस आ गए.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कई अहम पद
जेपी नड्डा 1985-89 तक दिल्ली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री रहे. इस दौरान उन्होंने दिल्ली में कई छात्र आंदोलन का नेतृत्व करते हुए राष्ट्रीय संघर्ष मोर्चा के माध्यम तत्कालीन राजनैतिक स्थितियों में बदलाव का नेतृत्व किया. 1989 में जेपी नड्डा ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री की जिम्मेदारी निभाई थी. इसके साथ ही जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं.
1990 से भाजपा में सक्रिय
1990 में भारतीय जनता पार्टी में संगठन मंत्री की जिम्मेदारी के साथ जेपी नड्डा को हिमाचल प्रदेश भेजा गया. 1991 में इन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा में राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.
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