पटनाः बिहार में शिक्षक बहाली में बीएड अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक लगा दी गई थी. इस मामले में बीएड अभ्यर्थियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बिहार के 3.90 लाख बीएड पास अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है.
बीएड पास शिक्षक नहीं पढ़ाएंगेः इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने सुनवाई की. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि 11 अगस्त 2023 के बाद से बीएड पास शिक्षक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने के लिए योग्य नहीं है. कोर्ट के इस फैसले से अभ्यर्थियों को मायूसी हाथ लगी है. बिहार सरकार के वकील ने कहा कि डीएलएड अभ्यर्थियों से सारी सीट भर ली गई है.
अनिरुद्ध बोस ने की सुनवाईः पिछली बार 13 अक्टूबर को अभ्यर्थियों की रिट याचिका पर जस्टिस ए. एस. बोपन्ना और एम. सुंदरेश की बेंच में सुनवाई हुई थी. बीएड अभ्यर्थियों का पक्ष रख रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण और निशा तिवारी ने कोर्ट को बताया था कि कोर्ट के इसी फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में भी पहले से चल रही बहाली प्रक्रिया में प्राथमिक शिक्षकों की बहाली में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था. यहां से जस्टिस अनिरुद्ध बोस के बेंच पर मामला भेज दिया गया था.
सौतेला व्यवहार आरोपः कोर्ट के इस निर्णय के बाद याचिकाकर्ता दीपांकर गौरव ने बताया कि "बिहार सरकार ने उन लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया है". अब इस निर्णय से वह काफी निराश हैं. राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा है कि उन्होंने सारी सीटें डीएलएड अभ्यर्थियों से ही भर ली है. उन्हें अब बीएड अभ्यर्थियों की जरूरत नहीं है. अब वह कोर्ट से रिव्यू की मांग करेंगे.