पटनाःसूचना एवं जन-सम्पर्क सचिव अनुपम कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के रुप में एक ऐसी वैश्विक आपदा सबके सामने है, जिससे निपटना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए दिन-रात काम कर रही है.
सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि यह संक्रामक बीमारी है, इसलिए इसके फैलाव को रोकना सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य है. जो सभी लोगों के सहयोग से ही संभव है. हाल के दिनों में प्रवासी लोगों के लगातार आने से चुनौतियां और भी बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. क्वारंटाईन सेंटर में लगातार प्रवासी लोग आ रहे हैं. जिन्हें हर संभव सुविधाएं दी जा रही हैं. अनुपम कुमार ने कहा कि ब्लाक क्वॉरेंटाइन केंद्र की संख्या बढ़कर 7840 हो गई है. इसमें साढ़े 5 लाख लोग पहुंच चुके हैं.
लोगों से अफवाह पर ध्यान नहीं देने की अपील
पीआरडी सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि क्वारंटाईन सेंटर में कभी किसी चीज की दिक्कत होती है तो सरकार की तरफ से उसका तुरंत समाधान किया जाता है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी अफवाह पर ध्यान ना दें ना ही किसी के बहकावे में आएं. इस बीमारी की गंभीरता को समझते हुए धैर्य बनाकर रखें.
किसानों को फसल क्षति वितरण में आई तेजी
सचिव ने कहा कि फरवरी, मार्च और अप्रैल में आसमयिक बारिश और ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति के लिए अनुदान की राशि किसानों के खाते में लगातार भेजी जा रही है. फरवरी में हुई फसल क्षति के लिए 60 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी, जिसमें अब तक 1 लाख 49 हजार किसानों के खाते में 45 करोड़ 66 लाख रुपये की राशि भेज दी गई है. वहीं मार्च में हुई फसल क्षति के लिए 518 करोड़ 42 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी. जिसमें अब तक 6 लाख 99 हजार किसानों के खाते में 255 करोड़ 86 लाख रुपये की राशि भेज दी गई है. अप्रैल में हुई फसल क्षति के लिए 151 करोड़ 53 लाख की राशि स्वीकृत की गई है. इसके लिए सर्वे का काम किया जा रहा है.
7840 ब्लाक क्वारंटाईन सेंटर में साढ़े 5 लाख लोग
सूचना सचिव ने बताया कि अभी 7 हजार 8 सौ 40 ब्लाक क्वारंटाईन सेंटर में लगभाग साढ़े 5 लाख लोग आवासित हैं, जिन्हें तय दिशानिर्देश के मुताबिक सारी सुविधाएं दी जा रही हैं. बिहार में चल रहे आपदा राहत केन्द्र के जरिए 76 हजार 5 सौ से ज्यादा लोग लाभ उठा रहे हैं. लॉकडाउन के कारण बिहार के बाहर फंसे बिहार के 20 लाख 3 हजार से ज्यादा लोगों के खाते में 1000 रुपये की राशि भेज दी गई है. लॉकडाउन में रोजगार सृजन सरकार की प्राथमिकता में ऊपर है. अब तक 4 लाख 11 हजार योजनाओं के तहत 2 करोड़ 52 लाख से अधिक मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं. 8 लाख 7 हजार नए राशनकार्ड बनाए जा चुके हैं.