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आपके लिये-आपके साथ-हमेशा...SHE है तैयार

हैदराबाद शहर को देश में महिलाओं के लिये सबसे सुरक्षित शहर की कोशिश में स्वाति लकड़ा का बड़ा हाथ है. साल 2014 में शुरू हुई मुहिम SHE टीम अबतक 10 हजार से ज्यादा महिलाओं से संबंधित मामलों का निपटारा कर चुकी है.

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Published : Jul 17, 2019, 10:34 PM IST

Exclusive Interview IPS Officer Swati Lakra with Etv Bharat

हैदराबाद/पटना:आपके लिये...आपके साथ...हमेशा...ये टैगलाइन है उस कैंपेन की जिसने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद को महिलाओं के लिये सुरक्षित बनाने का काम किया है. इस मुहिम का नाम है 'SHE'. आमतौर पर अंग्रेजी का ये शब्द महिलाओं को संबोधित करने के लिये इस्तेमाल होता है, लेकिन हैदराबाद में 'SHE' का मतलब है सुरक्षा. महिलाओं के लिये ये सुरक्षा घेरा तैयार किया है IPS स्वाति लकड़ा ने. उनसे खास बातचीत की ईटीवी भारत ने.

झारखंड के रांची में जन्मी IG लॉ एंड आर्डर स्वाति लकड़ा दिखने में भोली-भाली सी हैं लेकिन पूरा हैदराबाद शहर उन्हें सुपर कॉप कहता है. दरअसल, हैदराबाद शहर को देश में महिलाओं के लिये सबसे सुरक्षित शहर की कोशिश में स्वाति लकड़ा का बड़ा हाथ है. साल 2014 में शुरू हुई मुहिम SHE टीम अबतक 10 हजार से ज्यादा महिलाओं से संबंधित मामलों का निपटारा कर चुकी है.

IPS स्वाति लकड़ा.

महिला कर्मियों के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण
केवल SHE टीम नहीं बल्कि पुलिस सर्विस में महिलाओं की संख्या बढ़ाने को लेकर भी स्वाति काफी मुखर रही हैं. उन्हीं की कोशिशों से महिला कर्मियों के लिए 33% आरक्षण पर तेलंगाना सरकार ने भी शुरुआत की है.

'कभी नहीं सोचा था'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में IG लॉ एंड आर्डर स्वाति लकड़ा ने बताया कि बचपन में उन्होंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि वो पुलिस अफसर ही बनेंगी. किस्मत से उनका झुकाव सिविल सर्विस की ओर हुआ और फिर उन्होंने पुलिस सर्विस को अपना लक्ष्य चुना.

आलाअधिकारियों को साथ स्वाति लकड़ा

अपने बचपन ने एक किस्सा साझा करते हुये IPS स्वाति बताती हैं कि एक बार उनके पिता को पुलिस द्वारा परेशान किया गया था. एक महिला थानेदार ने उनके पिता से गलत तरीके से बात की थी. जिस बात का उन्हें बेहद बुरा लगा था. हैरानी की बात ये रही कि IPS बनने के बाद उनकी तैनाती उसी जिले के उसी पुलिस थाने में ही हुई. जिसके बाद उस महिला थानेदार ने उनसे माफी मांगी थी.

IPS स्वाति लकड़ा से खास बातचीत.

हैदराबाद तक का सफर रोमांचक
झारखंड के रांची से हैदराबाद तक का सफर कैसा रहा? इसका जवाब देते हुये स्वाति लकड़ा ने बताया कि उनका ये सफर काफी रोमांचक रहा है. उनकी शुरुआती पोस्टिंग नक्सल प्रभावित इलाके नर्सीपटनम में हुई जो आंध्र प्रदेश के विखाशापट्टनम जिले में एक सब डिविजन है. उस वक्त आंध्र प्रदेश के इस इलाके के लिये काफी काम किया गया. काफी लोग ने ये राह छोड़ी. ग्रामीणों के लिये भी काफी काम किया गया.

ऐसे हुई SHE की शुरुआत
SHE मुहिम की बात करते हुये स्वाति लकड़ा ने बताया कि साल 2014 में इसकी शुरुआत हुई. नये तेलंगाना राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव सिंगापुर दौरे पर गये थे. जहां उन्होंने कई अफसरों से मुलाकात की. उस दौरान मुख्यमंत्री से एक सवाल पूछा गया कि क्या उनके यहां महिलाएं सुरक्षित हैं? उस वक्त सीएम के पास इसका जवाब नहीं था. वापस लौटने पर सीएम ने एक कमेटी का गठन किया, जिसमें सीनियर आईएएस और आईपीएस अफसर थे. कमेटी में स्वाति लकड़ा भी शामिल थीं. इस कमेटी ने सीएम को 80 से ज्यादा सुझाव दिये. मुख्यमंत्री का विजन था कि महिलाएं हर जगह सुरक्षित महसूस कर सकें.

आपके साथ-हमेशा...SHE है तैयार.

इस कार्य के लिये मुख्यमंत्री ने स्वाति लकड़ा (तब आईजी ट्रेनिंग) को चुना. उन्हें कहा गया कि हैदराबाद शहर में महिलाओं के लिये काम करना है. यहीं से SHE टीम की शुरुआत हुई.

कैसे करें SHE से संपर्क
SHE टीम तो बन गई. लेकिन यहीं से शुरू हुआ असल चैलेंज. तब कोई नहीं जानता था कि ये टीम क्या है और वो क्या काम करते हैं? जन-जन तक इस मुहिम को पहुंचाने के लिये कई कैंपेन किये गए. स्कूलों-कॉलेजों में जाकर छात्र-छात्राओं को जानकारी दी गई. उनके जरिये घर-घर तक इस मुहिम को पहुंचाया गया. इसके साथ ही कई दौड़ों का आयोजन किया गया, जिनमें युवाओं को भाग लेने के लिये प्रेरित किया गया. बस स्टैंड, सार्वजनिक स्थानों पर जानकर कैंपेनिंग की गई, इस तरह से लोगों को टीम के बारे में बताया गया.

मोबाइल एप hawk eye के जरिये भी टीम से जुड़ा जा सकता है.

दो तरीकों से काम करती है टीम
SHE टीम मुख्यत: दो तरीके से काम करती है. एक तरीका है स्वत: संज्ञान. इसका मतलब ये कि खुद से केस दर्ज करती हैं. एक टीम में पांच लोग होते हैं, जिनमें कम से कम एक महिला होती ही है. ताकि टीम के पास पहुंचने वाली महिलाएं अपनी बात सही ढंग से रख पाएं. ये टीम एक हॉट स्पॉट चुनते हैं. वो ऐसा स्थान होता है जहां महिलाओं को लेकर अपराधिक वारदातें ज्यादा हो रही हों. टीम के पास सीक्रेट कैमरा होते हैं. इसके जरिये वो उस स्थान पर नजर रखते हैं. कोई वारदात हो रही हो तो उसे रिकॉर्ड कर तुरंत मजिस्ट्रेट के सामने रखा जाता है. सबूत के आधार पर दोषी पर तुरंत एक्शन भी लिया जाता है.

दूसरा तरीका- पीड़ित खुद शिकायत लेकर टीम के पास पहुंचते हैं. इसके लिये कई प्लेटफॉर्म दिये गए हैं. अगर कोई इमरजेंसी हो सीधे 100 नंबर डॉयल कर सकते हैं. 100 डॉयल करने के 7 मिनट के अंदर ही गाड़ी घटनास्थल तक पहुंच जाती है. इसके साथ ही हर जिले में SHE टीम के पास वाट्सएप नंबर है. सोशल मीडिया के जरिये भी टीम से जुड़ सकते हैं. मोबाइल एप hawk eye के जरिये भी टीम से जुड़ा जा सकता है.

इसके अलावा, हर जिले में SHE टीम ऑफिस है. ये ऑफिस पुलिस स्टेशन से अलग है. इसलिये महिलाओं को टीम के पास पहुंचने में परेशानी नहीं होती.

गौर हो कि SHE मुहिम ने हैदराबाद को महिलाओं के लिये सेफ बनाने का काम किया है और लगातार कर भी रही हैं. ये मुहिम महिलाओं को सशक्त बनाने का काम रही है. ये मुहिम एक चेतावनी है अपराधियों के लिये कि संभल जाएं, रुक जाएं क्योंकि SHE is Watching You...

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