पटना: पटना के नृत्य कला मंदिर में रोजगार अधिकार महासम्मेलन (employment rights convention) का आयोजन हुआ. रोजगार संघर्ष संयुक्त मोर्चा के बैनर तले यह आयोजन हुआ. यहां हजारों की तादाद में विभिन्न बहालियों के अभ्यर्थी शामिल हुए. इस रोजगार अधिकार महासम्मेलन में भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ, मनोज मंजिल, अजीत कुशवाहा और अमरजीत कुशवाहा भी शामिल हुए. बीते दिनों विभिन्न बहालियों को लेकर आंदोलन कर रहे युवाओं के संगठनों को एक मंच पर लाते हुए माले विधायक संदीप सौरव और मनोज मंजिल के प्रयासों से रोजगार संगत संयुक्त मोर्चा का गठन हुआ था. इस सम्मेलन में 24 से अधिक बहालियों के अभ्यर्थी शामिल हुए थे.
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जल्द ज्वाइन करवाने की अपीलः सम्मेलन में शामिल हुए अभ्यर्थियों में एसटीईटी 2019, सांख्यिकी स्वयंसेवक, अनियोजित कार्यपालक सहायक, बीएसएससी 2014, फार्मासिस्ट, पारा मेडिकल, एसटीईटी 2011-12, रेलवे लाइब्रेरी बहाली के अभ्यर्थी, सिपाही बहाली 2009, ललित कला शिक्षक भर्ती, राजस्व एवं भूमि सुधार के वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थी, आईटीआई अनुदेशक जैसे विभिन्न लंबित पड़ी हुई बहाली के अभ्यर्थियों ने इस सम्मेलन में सरकार से अपील किया कि उन लोगों को जल्द ज्वाइन कराया जाए.
अचानक काम से हटा दिया गयाः भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि आज बिहार में कोई ऐसी बहाली नहीं है, जो बेहाल पड़ी हुई नहीं है. हर बहाली बेहाल है. ऐसे में इस सम्मेलन के माध्यम से डिमांड यही है कि बिहार में जो रोजगार का संकट है और सरकार की गलत नीतियों के चलते अलग-अलग बहालियां जिस प्रकार से लंबित पड़ी हुई हैं, सरकार तत्काल इसका संज्ञान ले. जो भी बहाली लंबित पड़ी हुई हैं उसके अभ्यर्थियों को अविलंब नियुक्ति करवाए. सांख्यिकी के बच्चों का एक पैनल बनाया गया और 1 साल काम पर भी रखा गया और बिना कोई कारण बताए सरकार ने अचानक काम से हटा दिया. अब इनके कार्यों को सरकार शिक्षकों से करवाने की कोशिश कर रही है और वह भी नहीं हो पा रहा है.
गलत आंका गया रकवाः इस बार बिहार में जो धान की खरीदारी हुई, उसमें जो रकवा का अंकन करना था, उसमें अधिकांश जगह रकवा गलत आंका गया है. यह गलती इसलिए हुई क्योंकि इतने महत्वपूर्ण काम के लिए एडहॉक के बेसिस पर लोगों को रख लिया गया था. अगर सांख्यिकी के सब लोग होते और इस काम को ढंग से करते तो ऐसा नहीं होता. किसानों को दिक्कत नहीं होती. आज सरकार जो युवाओं को रोजगार नहीं दे रही है, उसका खामियाजा युवाओं को तो भुगतना ही पड़ रहा है, इसके साथ ही प्रदेश की पूरी जनता को भी भुगतना पड़ रहा है.