बिहार

bihar

साइबर अपराधियों पर शिकंजा कस रही आर्थिक अपराध इकाई, पोर्नोग्राफी के 1454 मामलों में की कार्रवाई

By

Published : Apr 20, 2021, 6:11 PM IST

Updated : Apr 20, 2021, 10:07 PM IST

साइबर फ्रॉड और आर्थिक अपराध रोकने के लिए बिहार सरकार ने 1 दिसंबर 2011 को आर्थिक अपराध इकाई की स्थापना की थी. पुलिस की यह इकाई आर्थिक अपराध रोकने के साथ ही साइबर अपराधियों और मादक पदार्थ के तस्करों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है. इस इकाई ने पिछले दिनों दूसरे राज्यों में बैठकर बिहार में शराब की सप्लाई कर रहे बड़े-बड़े माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की.

आर्थिक अपराध इकाई
economic offence unit

पटना:बिहार की अर्थव्यवस्था में प्रगति होने के साथ-साथ आर्थिक और साइबर अपराधोंकी शैली व स्वरूप में काफी परिवर्तन हुआ है. साइबर अपराधों में तेजी आई है. साइबर और आर्थिक अपराध रोकने के लिए राज्य सरकार के गृह विभाग ने 1 दिसंबर 2011 में आर्थिक अपराध इकाई की स्थापना की थी.

यह भी पढ़ें-भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 70 करोड़ खुराक सालाना की

अपर पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में काम करने वाली इस इकाई ने आर्थिक अपराध और साइबर फ्रॉड रोकने की दिशा में अहम कामयाबी पाई है. आर्थिक अपराध इकाई सरकारी योजनाओं में घोटाला, बैंक फ्रॉड, वित्तीय संस्थानों में गबन, जाली नोट, मादक पदार्थों की तस्करी, बहुमूल्य कलाकृतियों की चोरी, साइबर अपराध, बौद्धिक संपदा की चोरी और अन्य आर्थिक अपराधों पर नियंत्रण कर रही है.

पोर्नोग्राफी के 1454 मामलों में की कार्रवाई
आर्थिक अपराध इकाई बिहार में आर्थिक और साइबर अपराधों पर प्रभावी रोकथाम लगाने के लिए राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी है. आर्थिक अपराध इकाई के अधीन आर्थिक अपराध थाना भी सृजित हैं, जिसमें महत्वपूर्ण आर्थिक और साइबर अपराध से संबंधित मामले दर्ज किए जाते हैं.

जून 2020 से फरवरी 2021 तक आर्थिक अपराध इकाई ने साइबर क्राइम के 835 मामलों में कार्रवाई की. चाइल्ड पोर्नोग्राफी, दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म से संबंधित सामग्री का प्रसारण रोकने की श्रेणी में 1454 मामलों में कार्रवाई की गई. 30 अगस्त 2019 से 4 मार्च 2021 तक साइबर अपराध, ठगी और जालसाजी जैसे साइबर व वित्तीय अपराध के 9650 मामलों में कार्रवाई की गई. इनमें अब तक 274 प्राथमिकी दर्ज की गई है.

ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

74 साइबर क्राइम यूनिट कर रही काम
बिहार के सभी जिलों के लिए 74 साइबर क्राइम एवं सोशल मीडिया यूनिट बनाई गई हैं. इनमें 740 पदों का सृजन राज्य सरकार द्वारा किया गया है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा इन 74 यूनिटों में 74 प्रोग्रामर और 222 डाटा एंट्री ऑपरेटर की अस्थाई बहाली प्रक्रियाधीन है.

भ्रष्टाचार के खिलाफ 47 केस दर्ज
आर्थिक अपराध इकाई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ 47 केस दर्ज किए हैं. इनमें से 34 केसों का निष्पादन किया गया है. 13 केसों का निष्पादन प्रक्रियाधीन है. सरकारी कर्मचारी के खिलाफ रिश्वत मांगने के 11 केस दर्ज कर उन पर कार्रवाई की गई है. आय से अधिक संपत्ति मामले में 229.68 करोड़ के 172 प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय को दिया गया है, जिनमें 28 आरोपियों की 45.81 करोड़ की संपत्ति जब्त हुई है.

ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई
आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाई में विभिन्न जिलों में 6 केस दर्ज किए गए हैं, जिसमें 1,44,983 लीटर विदेशी शराब की बरामदगी की गई है. इन मामलों में 149 अभियुक्तों की पहचान कर गिरफ्तारी की गई है, जिसमें 48 आरोपी अन्य राज्यों के हैं. इनमें 22 ड्राइवर, 23 आपूर्तिकर्ता और 3 थोक विक्रेता शामिल हैं.

5.45 करोड़ के जाली नोट जब्त
आर्थिक अपराध इकाई द्वारा 2011 से अप्रैल 2020 तक 5.45 करोड़ रुपए के जाली नोट जब्त किए गए हैं. मूर्ति चोरी की घटनाओं की रोकथाम की दिशा में इकाई द्वारा काफी काम किया गया है. 2018 में 19, 2019 में 10 और 2020 में 4 चोरी की गई मूर्तियों की बरामदगी की गई. औरंगाबाद के जिला कल्याण पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने साजिश के तहत प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति राशि (2,46,85,600 रुपए) का गबन किया था. आर्थिक अपराध इकाई ने इस केस का उद्भेदन किया.

यह भी पढ़ें-पटना जंक्शन पर कोरोना टेस्ट के नाम पर खानापूर्ति, सिर्फ स्पेशल ट्रेनों के यात्रियों की जांच

Last Updated : Apr 20, 2021, 10:07 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details