पटना:कोरोना के कारण साल 2020 बुरी तरह प्रभावित रहा और लगभग सभी क्षेत्रों पर कोरोना का दुष्परिणाम देखने को मिला. लेकिन, कुछ क्षेत्र ऐसे रहे जहां कोरोना के कारण काफी सुखद परिणाम भी देखने को मिले. हाल के दौरान सामान्य वायरल और बैक्टीरियल बीमारी के मामले भी काफी कम सामने आए. इसके साथ ही अब काफी हद तक अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ये कोरोना का एक अच्छा परिणाम ही है.
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कोरोना का दिखा पॉजिटिव इफेक्ट
न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. मनोज सिन्हा ने बताया कि जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं. उसी तरह कोरोना के साथ भी ऐसा ही रहा. इस बीमारी के कुछ पॉजिटिव इफेक्ट भी देखने को मिले. कोरोना के कारण जहां एक ओर देश बुरी तरह प्रभावित रहा. वहीं, दूसरी तरफ साल 2020 में कई बीमारियों के मामले काफी कम सामने आए. डायरिया, डिसेंट्री, डेंगू, टाइफाइड, और अन्य इंफेक्शन जनित बीमारी जो गलत खानपान से होते थे, उसके काफी कम केस सामने आए.
सजगता से दूसरी बीमारियों में आई कमी
कोरोना से बचाव को लेकर जब लॉकडाउन लागू हुआ, तब सभी लोग घरों में बंद हो गए और बाहर का खानपान बंद हो गया. ऐसे में फूड प्वॉइजनिंग और अन्य बीमारियां लोगों को नहीं हुई. इसके साथ ही लॉकडाउन के समय गर्मी का मौसम चल रहा था और गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन और लू लगने की शिकायत काफी ज्यादा होती है. मगर लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों में रहे और वह इन बीमारियों से ग्रसित नहीं हुए.
''साल 2020 में पूर्व के सालों की तुलना में लू से काफी कम लोगों की जान गई और ये निश्चित रूप से प्रदेश के लिए सुकून की बात रही. इसके साथ ही सामान्य सर्दी-खांसी जैसे वायरल बीमारी के भी मामले पिछले साल काफी कम दर्ज हुए. लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए काफी काढ़े का सेवन किया और काफी एहतियात भी बरती. डायरिया, डिसेंट्री, टाइफाइड, डेंगू और अन्य वायरल बीमारियों के पिछले साल के मामलों को देखें, तो ये पूर्व के सालों की तुलना में लगभग 60 से 70 फीसदी तक कम रहा है'-डॉ.मनोज सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल