पटना:एनडीए में लोक जनशक्ति पार्टी ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं. एलजेपी के स्टैंड को लेकर अब ऐसा लगने लगा है कि एनडीए में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. ऐसे में सत्तारूढ़ दल पशोपेश की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं. एलजेपी हेड चिराग पासवान लगातार धारा के विपरीत बयानबाजी कर रहे हैं.
विधानसभा चुनाव को लेकर चिराग ने खोला मोर्चा रखा है. भाजपा और जदयू अपनी चुनावी तैयारी के तहत वर्चुअल रैली के जरिए कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं. लेकिन बीजेपी और जेडीयू की सहयोगी पार्टी एलजेपी का मिजाज विरोधी पार्टियों की तरह दिख रहा है. मानें, चिराग पासवान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सुर में सुर मिलाते दिख रहे हैं.
तेजस्वी और चिराग की जुगलबंदी!
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव को लेकर स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे माहौल में अक्टूबर-नवंबर महीने में चुनाव नहीं हो सकते. वे पारंपरिक चुनाव के हिमायती हैं. और ऐसी ही राय चिराग पासवान भी जाहिर कर चुके हैं.
चिराग ने सरकार को किया टारगेट
गोपालगंज में सत्तर घाट पुल के एप्रोच पथ के ध्वस्त होने के मामले पर विपक्ष ने जहां सरकार को चौतरफा घेरा. वहीं, चिराग पासवान भी पीछे नहीं रहे. चिराग ने ट्वीट करते हुए लिखा, '264 करोड़ की लागत से बने पुल का एक हिस्सा आज ध्वस्त हो गया है. जनता के पैसे से किया कोई भी कार्य पूरी गुणवत्ता से किया जाना चाहिए था. इस तरह की घटनायें जनता की नजर में जीरो करप्शन पर सवाल उठाती हैं. लोजपा मांग करती है कि उच्च स्तरीय जांच कर जल्द दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करें.'
- चिराग पासवान ने ट्वीट के जरिए भाजपा कोटे के मंत्री नंद किशोर यादव और नीतीश कुमार दोनों को कटघरे में खड़ा किया.
- कोरोना की एंट्री के पहले चिराग पासवान एंड पार्टी ने 'बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट' यात्रा शुरू की थी. इस दौरान वो लगातार स्ट्राइक पर बैठे शिक्षकों से मिल रहे थे.
- अपनी यात्रा के दौरान चिराग पासवान ने एक बार नहीं, कई बार सरकार के खिलाफ बयानबाजी की. उस दौरान इसे चुनावी स्टंट मान ज्यादा तवज्जो नहीं दिया गया.
- हाल-फिलहाल में चिराग का स्टैंड एनडीए में विरोधात्मक दिखाई पड़ रहा है.