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PMCH में लगे बायोमेट्रिक अटेंडेंस की खुली पोल, खराब पड़ी हैं सभी मशीनें

पीएमसीएच में बायोमेट्रिक अटेंडेंस के लिए लगी सभी मशीनें खराब हैं. जानकारी के मुताबिक पिछले छह महीनों से अस्पताल की ये मशीनें खराब है.

पीएमसीएच

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Published : Apr 23, 2019, 10:49 PM IST

Updated : Apr 24, 2019, 3:20 PM IST

पटना: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देश पर राज्य के तमाम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में चिकित्सकों की उपस्थिति को लेकर विभागों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन लगाई है. बीते एक साल पहले एमसीआई के निर्देश के आधार पर सभी अस्पतालों में मशीनें लगा दी गई. लेकिन राजधानी पटना के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में लगी अटेंडेंस मशीन खराब हो चुकी हैं.

जब ईटीवी भारत ने पीएमसीएच में इसकी पड़ताल की तो पता चला कि सभी मशीनें बंद पड़ी हैं. जानकारी के मुताबिक पिछले छह महीनों से अस्पताल की सभी अटेंडेंस मशीन खराब हो चुकी हैं. अस्पताल के प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो मशीन खराब होने की शिकायत एमसीआई को दी गई है. बावजूद इसके अभी तक बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन सही नहीं हुई है.

ये रही खराब मशीनें

क्या बोले अधीक्षक
बताया जाता है कि पीएमसीएच में 34 विभाग हैं, जहां पर अटेंडेंस मशीन लगाई गई हैं. इस समय सिर्फ प्राचार्य के कार्यालय कक्ष के पास लगी अटेंडेंस मशीन सही है. वहीं, सभी मशीनें खराब हो चुकी हैं. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि इसकी सूचना एमसीआई को दी गई है और जल्द ही मशीनें बनकर आ जाएंगी.

समय पर नहीं आते डॉक्टर
बहरहाल पीएमसीएच में लगे बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन के खराब होने के बाद सबसे ज्यादा फायदा उन चिकित्सकों को हो रहा है, जो हमेशा देर से आते हैं या आते ही नहीं हैं. ज्यादातर डॉक्टर पीएमसीएच में समय न देकर अपने प्राईवेट नर्सिंग होम में समय देते हैं. पीएमसीएच में पढ़ाई कर रहे मेडिकल छात्रों की माने तो क्लास में लेक्चर में भी बहुत कम समय मिलता है. छात्रों का कहना है कि प्रैक्टिकल में समय मिलता है, लेकिन थ्योरी पर भी समय मिलना चाहिए.

सीनियर डॉक्टर रहते हैं नदारद
वहीं, पीएमसीएच में इमरजेंसी छोड़ अन्य वार्ड की बात करें, तो सीनियर डॉक्टर नदारद ही रहते है. इसको लेकर उन चिकित्सकों पर लगाम लगाने के लिए एमसीआई ने सभी वार्ड एवं मेडिकल कॉलेज के एचओडी कार्यालय कक्ष के पास बायोमैट्रिक मशीन लगावायी थी. ताकि उनकी शत प्रतिशत उपस्थिति हो सके. मगर अफसोस यह है कि ये मशीनें ज्यादा दिन तक नहीं चल सकी.

Last Updated : Apr 24, 2019, 3:20 PM IST

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