पटना: लोजपा (Lok Janshakti Party) दो फाड़ हो चुकी है. दोनों गुटों के अपने-अपने दावे हैं. चिराग पासवान (Chirag Paswan) पार्टी के संविधान का हवाला देते हुए खुद को लोजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बता रहे हैं. वहीं, गुरुवार को लोजपा के बागी गुट ने पशुपति पारस को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया है. लेकिन बड़ा सवाल है कि चाचा पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) को समर्थन करने के बावजूद सांसद प्रिंस राज (MP Prince Raj) आखिर हैं कहां? वे सामने क्यों नहीं आ रहे हैं.
खुलकर सामने नहीं आ रहे प्रिंस राज
लोजपा सांसद प्रिंस राज के खुलकर सामने नहीं आने को लेकर कई राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं. हालांकि, सांसद प्रिंस राज ने भी बागवत के वक्त चाचा पशुपति पारस को अपना समर्थन दिया था. साथ ही उन्हें लोजपा के संसदीय दल का नेता बनाने को लेकर वे पशुपति पारस समेत अन्य सांसदोंके साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Om Birla) से भी मुलाकात की थी. लेकिन गुरुवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से उन्होंने खुद को अलग कर लिया. इसके बाद से चर्चाओं का बाजार एक बार फिर से गर्म हो गया है.
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चिराग ने पकड़ ली है प्रिंस राज की दुखती रग
प्रिंस राज के खुलकर सामने नहीं आने पर राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का कहना है कि प्रिंस राज की कमियों को चिराग पासवान ने पकड़ लिया है. जिस वजह से वे खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं. उन्हें यह डर है कि चिराग पासवान जैसे पशुपति पारस पर इन दिनों आक्रामक हैं, अगर वे खुलकर चाचा पशुपति पारस का समर्थन करेंगे तो उनकी भी कमियों को उजागर किया जा सकता है.
'सांसद प्रिंस राज मीडिया के समक्ष आने से परहेज इस वजह से ही कर रहे हैं, क्योंकि उनके ऊपर युवती द्वारा लगाए गए आरोप के बारे में मीडिया सवाल कर सकती है'.- डॉ. संजय कुमार, राजनैतिक विश्लेषक
चोर रास्ते से पार्टी पर कब्जा करने की फिराक में पारस गुट
इधर, लोजपा में चिराग गुट की तरफ से कहा जा रहा है कि प्रिंस राज मीडिया के समक्ष आने से परहेज इस वजह से ही कर रहे हैं, क्योंकि उनके ऊपर लगे आरोपों पर मीडिया सवाल कर सकती है. चिराग गुट के चंदन सिंह ने कहा कि लोजपा के पांचों सांसदों ने संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं. वे सभी चोर रास्ते से पार्टी पर कब्जा पाना चाहते हैं. जो कभी मुमकिन नहीं हो सकता है.
'सांसद प्रिंस राज भी इस भागीदारी में सम्मिलित हैं. तभी तो खुल कर सामने नहीं आ रहे हैं. पशुपति पारस ने अपने सगे भतीजे को धोखा देने का काम किया है. नीतीश कुमार के इशारे पर यह पांचों सांसद काम कर रहे हैं. पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री बनने की लालसा में अपने ही परिवार में आग लगा दी है. अब इन पांचों सांसदों को नीतीश कुमार जदयू में विलय कराना चाहते हैं'.- चंदन सिंह, चिराग गुट
प्रिंस राज पर लगे आरोपों की जांच की मांग
वहीं, उन्होंने प्रिंस राज पर युवती द्वारा लगाये गये आरोपों की जांच कराये जाने की मांग भी की है. साथ ही लोजपा के पशुपति पारस गुट को उन्होंने जदयू पार्ट-टू करार दिया है.