पटना : बिहार में कांग्रेस अपने अस्तित्व की तलाश में जुटी है. पार्टी पिछले दो चुनावों में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई है. विधानसभा चुनाव-2020 में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. पार्टी की हार पर समीक्षा की बात तो की जा रही है. लेकिन क्या समीक्षा मात्र से कांग्रेस मजबूत हो जाएगी. इस पर ईटीवी भारत ने नए कांग्रेस प्रभारी से जब दिल्ली में बात की, तो उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि कड़े निर्णय लिए जाएंगे.
सोमवार को बिहार पहुंचे कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया. दास ने सदाकत आश्रम में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की और नेता-पार्टी कार्यकर्ताओं से वे मुखातिब हुए. इस दौरान एक पल ऐसा लगा कि मानों सभी नेता हंगामा कर रहे हो. कांग्रेस की बैठक में हवा का रुख विरोध जैसा ही लगा.
पार्टी नेताओं ने दास के समक्ष रखी अपनी बात
पूर्व विधायक संजीव प्रसाद टोनी हो या बिहार महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमिता भूषण, सभी लोगों ने नेतृत्व पर कई गंभीर सवाल खड़े किए. संजीव कुमार टोनी ने कहा कि बिहार कांग्रेस को 70 सीटें मिली और महज 19 सीटें ही जीत पाई. इसका मुख्य कारण है कि बिना किसी से विचार किए ही टिकट का बंटवारा किया गया. संजीव कुमार सोनी ने टिकट खरीद-फरोख्त का भी आरोप प्रदेश नेतृत्व पर लगाया.
वहीं, बिहार महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमिता भूषण ने पार्टी के नए प्रभारी के सामने चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि पार्टी में कार्यकर्ताओं को झूठा आश्वासन दिलाकर काम करवाया जाता है. पार्टी के आलाकमान कार्यकर्ताओं को कुछ बना देने का आश्वासन देकर काम करने को कहते हैं, ये गलत है. उन्हें अपने कार्यकर्ताओं को सिर्फ कांग्रेस को सत्ता में लाने की बात कहे तो ज्यादा बेहतर होगा. इसके साथ ही महिला अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी में महिला कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं दी जाती है. जब महिलाओं को पार्टी में तरजीह नहीं दी जाएगी तो महिला समाज कांग्रेस को क्यों वोट देगी.