पटना: स्वच्छ भारत के तहत राजधानी पटना को स्मार्ट बनाने के लिए नगर निगम ने कई जगहों पर मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण करवाया. जिससे राजधानीवासी शौचालय का नि:शुल्क इस्तेमाल कर सकें और राजधानी स्वच्छ और स्मार्ट दिखे. मगर ईटीवी भारत के रियालिटी चेक में ये टॉयलेट फेल हो गए हैं.
मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण कराना सीएम सरकार का सराहनीय कदम रहा. इसके लिए खुद सीएम नीतीश ने पटना नगर निगम को धन्यवाद भी दिया. लेकिन इस मॉड्यूलर टॉयलेट को बने हुए कुछ महीने हुए हैं और इनका हल बदहाल स्थिति में है.
एजेंसी की लापरवाही
बता दें कि इस मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण नगर निगम ने एक प्राइवेट एजेंसी से करवाया था. इसका रख रखाव, सुबह-शाम की सफाई भी इसी एजेंसी के जिम्मे थी. मगर करोड़ों की लागत से बने इन टॉयलेट्स का रखरखाव सही ढंग से नहीं किया जा रहा. कहीं पानी नहीं है, तो कहीं इतनी गंदगी फैली है कि उसकी तस्वीर भी हम आपको नहीं दिखा सकते.
ये है मॉड्यूलर टॉयलेट्स का हाल यहां का हाल खराब
हम सबसे पहले संजय गांधी जैविक उद्यान गेट नंबर 2 के सामने बने मॉड्यूलर टॉयलेट का जायजा लेने पहुंचे. यहां की हालत बेहद खराब थी. लोगों से भी पता किया कि इस शौचालय का रखरखाव कैसा है और इसकी सुबह-शाम सफाई होती है? वहां, मौजूद दुकानदारों ने कैमरे के सामने बोलने से तो इंकार किया. लेकिन ऑफ रिकॉर्ड उन्होंने बताया कि जब से यह शौचालय का निर्माण हुआ है. तब से अभी तक कोई सफाईकर्मी यहां इसे साफ करने नहीं आया. शौचालय तो बना, लेकिन इसमें पानी की व्यवस्था नहीं की गई. वहीं, शौचालय की छत पर रखी टंकी सिर्फ दिखावे के लिए रखी नजर आयी.
सीएम आवास और राजभवन
इसके बाद हम पहुंचे सीएम आवास और राजभवन के पास बने टॉयलेट्स पर. यहां पर हमने इस शौचालय का रखरखाव तो सही पाया. लेकिन शौचालय के बाहर लगे हाथ धोने के लिए बेसिन खराब हो चुके हैं. स्थानीय नागरिक ने बताया कि टॉयलेट के निर्माण के बाद काफी राहत मिली है. हम शौच के लिए महज 10 रुपये खर्च करने होते हैं. वहीं, सिंचाई भवन के पास सचिवालय रोड के किनारे बने मॉड्यूलर टॉयलेट का रखरखाव तो अच्छा है, मगर इसमें मात्र एक ही कमी है कि इसका नलका खराब है.
यहां जड़ा ताला
इनकम टैक्स चौराहा, बेली रोड गांधी मैदान के चारों तरफ बने मॉडल टॉयलेट का जायजा लिया. तो कहीं ताला, तो कहीं गंदगी मिली. इस पर नगर निगम ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है और ना ही उस कंपनी पर कोई कार्रवाई की है, जिसके सिर इनके रख रखाव का जिम्मा था.