पटना: बिहार में पूर्ण शराब बंदी लागू हुए साढे 3 साल का वक्त बीत चुका है. इस दौरान नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव के दौरान जनता के बीच गए और फिर से सरकार बनानें सफल रहे. पूर्ण शराबबंदी को लेकर जहां कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. वहीं महिलाओं ने नीतीश कुमार के पक्ष में वोट कर शराबबंदी पर मुहर लगा दी.
2016 से लागू है शराब बंदी
बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. महिलाओं के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी करने का फैसला लिये थे. शराब बंदी से हर साल 5000 करोड़ से अधिक राजस्व नुकसान बिहार सरकार को हो रहा है. लेकिन सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को जारी रखना चाहते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पूर्ण शराबबंदी कानून को सराहा है. विधानसभा चुनाव में भी इस बात पर मुहर लगी है. विधानसभा चुनाव में जहां 54.38 प्रतिशत पुरुषों ने वहीं 59. 58% महिलाओं ने मतदान किया था.
2020 में बरामद हुई लाखों लीटर शराब
साल 2020 वैसे तो कोरोना महामारी के नाम से जाना जाएगा. लेकिन पूर्ण शराबबंदी को लेकर भी बिहार सरकार गंभीर रही. इस वर्ष कुल 2891731 लीटर शराब बरामद की गयी. 39467 केस दर्ज, 48187 गिरफ्तारियां हुई. वहीं 2603956 लीटर शराब नष्ट की गयी. इस मामले में 107 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाई, 95 पुलिस पदाधिकारियों को डिस्मिस किया गया. 13 पुलिस अधिकारियों को थानेदार बनने से प्रतिबंधित किया और 108 लोगों को शराबबंदी कानून के तहत सजा दिलाई गई.