पटनाः साल 2020 अब अपने आखिरी पड़ाव पर है. कुछ ही दिनों बाद नए साल 2021 का आगाज होने वाला है. कोरोना काल के दौरान पूरे देश के साथ बिहार भी कई मुश्किलों के दौर से गुजरा. इस बीच राज्य में एनडीए की दोबारा नई सरकार भी बनी. लेकिन कई क्षेत्रों में विकास के कार्यों की गति इस साल बहुत कम रही. ईटीवी भारत की टीम ने विकास कार्यों और योजनाओं का जायजा लेने के लिए कृषि विभाग का रूख किया. जहां की स्थिति अन्य विभागों की तरह ही बेहतर नहीं मिली. पेश है एक रिपोर्ट...
साल 2020 में कृषि विभाग अपनी योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभान्वित करने में पूरी तरह फिसड्डी साबित हुआ. साल के शुरुआती महीनों में कुछ योजनाओं को छोड़ दें तो बाकी के महीने में किसानों की योजनाओं पर ग्रहण सा लग गया.सिर्फ किसान सम्मान योजना का काम होता रहा.
किसान सम्मान योजना का मिला फायदा
वर्ष 2020 के अंत तक 80.79 लाख किसानों को किसान सम्मान योजना फायदा मिला और डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में पैसे मिलते रहे. अगर हम बात करें अन्य योजनाओं की तो कृषि इनपुट अनुदान के रूप में कुल 33 लाख 88 हजार किसानों को फसल क्षति से लेकर विभिन्न अनुदान के रूप में वर्ष 2019-2020 में कुल 1228.27 करोड़ रुपये दिए गए.
नहीं मिली किसानों को मुआवजे की राशि
वहीं, इस साल के मध्य में उत्तर बिहार के 20 जिलों में बाढ़ के कारण किसानों की फसल नष्ट हुई. सरकार ने मुआवजे की घोषणा भी की. कुल 77.63 लाख किसानों ने फसल क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन भी किया. लेकिन विभाग द्वारा उन्हें राशि नहीं उपलब्ध करवाई गई.अभी तक इस योजना के तहत एक भी किसान लाभान्वित नहीं हुए.