नवादा :प्रदेश में मानव स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए क्या व्यवस्थाएं सरकार की ओर से की गई है वो तो जगजाहिर है. लेकिन, पशुओं के इलाज के लिए बने अस्पताल की हालत भी कुछ अच्छी नहीं है. जिले के नारदीगंज प्रखंड में एक पशु चिकित्सालय है. कहने को तो यह पशु चिकित्सालय है पर यहां संसाधनों की घोर कमी है. एक तो भवन नहीं है, और जो है वो भी जर्जर हो चुकी है. बरसात के मौसम में छत से पानी टपकता है. साथ ही यहां कर्मी भी पर्याप्त संख्या में नहीं हैं. जिसके कारण पशुपालकों को काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ता है.
भवन बदहाल, ना बल्ब है ना पंखा
प्रखण्ड स्थित यह पशु चिकित्सालय अपनी बदहाली पर आंसू बहाता है. विभागीय उदासीनता के कारण बरसों से भवन की न सही देखरेख हुई है और न ही मरम्मत. कुछ दिन पहले तक इस भवन में बिजली भी नहीं थी. जब बिजली कनेक्शन लिया गया तो महीनों तक वायरिंग नहीं हो सकी है.
11 पंचायत में सिर्फ 1 डॉक्टर
नारदीगंज प्रखंड पशु चिकित्सालय के अंतर्गत 11 पंचायत है. जिसमें करीब तीस हजार पशु है. स्थिति इतनी बदहाल है कि इन तीस हजार पशुओं के लिए एक पशु चिकित्सक बहाल है. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पशुओं को कैसी सुविधा मिल रही होगी. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि प्रखंड पशु पदाधिकारी सहित चतुर्थवर्गीय कर्मी का पद यहां खाली है.