मुजफ्फरपुर :केंद्र सरकार के नए कानून के विरोध में ट्रक और बस चालक सड़क पर उतर गए है. मुजफ्फरपुर के विभिन्न जगहों पर विरोध-प्रदर्शन किया गया है. चालकों ने कई जगहों पर वाहन खड़े कर सड़क को जाम कर दिया. आवागमन बाधित रहने से लोगों को परेशानी हुई. चालकों ने उग्र आंदोलन कर सरकार के विरोध में नरेबाजी की.
हिट एंड रन कानून के खिलाफ प्रदर्शन : चांदनी चौक, बैरिया, जीरो माइल, भगवानपुर, रामदयालू, मीनापुर समेत कई जगहों पर चालकों ने हंगामा किया. यही नहीं इस दौरान अन्य वाहनों को जबदस्ती रोका. शहर के सरैयागंज टावर चौक पर ई रिक्शा चालक को जबरन रोका गया. उसमें बैठे यात्रियों को उतार दिया गया. विरोध करने पर गाली गलौज की गई. बैरिया में एक वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया.
बस नहीं मिली तो पैदल चल पड़े यात्री : इस दौरान पुलिस भी आंदोलनकारियों को समझाकर जाम छुड़ाने के प्रयास में जुटी हुई दिखी. रामदयालू और साहेबगंज में आगजनी की गई. बांस बल्ले से सड़क घेरकर जाम किया गया. वहीं कच्ची-पक्की, अघोरिया बाजार आदि चौक पर आटो चालकों ने अन्य चालकों से जबदस्ती बंद कराया. हालांकि कुछ घंटों के बाद जाम खत्म कर दिया गया. दूसरी ओर, बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसों का परिचालन पूरी तरह ठप रहा. कई यात्री सरकारी बस स्टैंड पहुंचे लेकिन, पैदल ही आगे बढ़ गए.
हड़ताल से करोड़ों का हो रहा नुकसान :बस, ट्रक समेत अन्य वाहनों की हड़ताल से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि परिवहन व्यवसाय को अरबों का नुकसान हुआ है. पूर्व के कानून के अनुसार वाहन दुर्घटना होने पर चालकों को जमानत मिल जाती थी. नए कानून के अनुसार सात लाख रुपये जुर्माना और 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है.
''सिर्फ तिरहुत आरटीए से करीब 12 सौ बसों का परमिट जारी होता है. इसके अलावा अन्य प्रमंडलों के परमिट की बसें यहां से गुजरती हैं. कुल मिलाकर औसतन दो से ढाई हजार बसें यहां से गुजरती हैं. इसमें 50 से 60 हजार यात्री सफर करते हैं. इस हिसाब से एक दिन में 30 से 40 लाख का नुकसान हुआ. यह बड़ी क्षति है.''-उदय शंकर प्रसाद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन