मुजफ्फरपुर (बोचहा): श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से तिरहुत लहठी उत्पादक स्वालम्बी सहकारी समिति लिमिटेड के समूह सदस्यों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
समूह के सदस्यों से डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, डीडीसी सुनील कुमार झा, अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी कुंदन कुमार ने संवाद किया. इस दौरान डीएम और अन्य अधिकारी लहठी निर्माण के विभिन्न चरणों से भी अवगत हुए.
लहठी निर्माण को दिया जाएगा बढ़ावा
मौके पर डीएम समूह के सदस्यों से लहठी निर्माण और उनकी परेशानियों से अवगत हुए. वहीं, तिरहुत लहठी उत्पादक स्वावलंबी सहकारी समिति ने डीएम को बताया गया कि समूह में कुल 45 सदस्य हैं. एक ग्रुप में 6 सदस्य हैं. इस तरह से सात ग्रुप बनाया जाएगा. प्रत्येक ग्रुप को दो भट्टी, एक छोटा वाला गैस सिलेंडर और अन्य उपकरणों के साथ तीन माह का कच्चा मटेरियल भी उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे की ग्रुप सें जुड़े हुए सदस्यों को स्वरोजगार मिल सके.
मार्केटिंग की की जाएगी व्यवस्था
समूह के लोगों ने बताया कि जिले में लाठी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद बेरोजगार युुवा लहठी का निर्माण अपने घरों पर ही कर सकेंगे. समूह के सदस्यों ने बताया कि लहठी निर्माण के बाद उत्पादित वस्तुओं को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भी कार्य किए जा रहे हैं. इसके मार्केटिंग के लिए व्यवस्था की जा रही है.
मार्केटिंग के लिए शोरूम और प्रशिक्षण केंद्र का किया जाएगा निर्माण
बता दें कि लहठी निर्माण के बाद मार्केटिंग के लिए एक शोरूम और प्रशिक्षण केंद्र भी बनाया जाएगा. उसके लिए भी जगह चिन्हित कर लिया गया है. एक सप्ताह के अंदर शोरूम सा प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण शुरू हो जाएगा. जहां शोरूम से लहठी की बिक्री की जाएगी और प्रशिक्षण केंद्र से प्रशिक्षण का कार्य भी सुचारू रूप से चलता रहेगा.
चलाई चलाई जाएगी विशेष मुहिम
संवाद के दौरान अधिकारियों ने बताया कि लहठी निर्माण कार्य को लेकर जिले में अपार संभावनाएं हैं. जिला प्रशासन जिले के थोक विक्रेताओं के साथ समन्वय स्थापित करके, उनके साथ उन्हें टैग किया जाएगा. ताकि निर्मित लहठी को बाजार मिल सके. मुख्य सचिव बिहार सरकार के सुझाव के आलोक में पटना के खादी मॉल से भी उन्हें टैग किया जाएगा. बनाई गई लहठी की बिक्री पटना के खादी मॉल से भी की जाएगी. बता दें कि लहठी की मांग काफी अधिक होने के साथ इसकी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान भी है.