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जन-गण-मन यात्रा के दौरान झंझारपुर पहुंचे कन्हैया कुमार, कहा- संविधान को बचाने की है जरूरत

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Published : Feb 5, 2020, 10:53 PM IST

कन्हैया कुमार ने कहा कि अमित शाह लोकसभा में नागरिकता बिल लाने के समय अहंकार में थे. उनका चेहरा अहंकारी की तरह लग रहा था. संख्या बल अधिक होने के कारण उनमें अहंकार समाया हुआ है. लेकिन उन्हें रामचरितमानस का ज्ञान नहीं है.

kanhaiya kumar
कन्हैया कुमार

मधुबनी:जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष सह सीपीआई नेता कन्हैया कुमार जन-गण-मन यात्रा के दौरान झंझारपुर पहुंचे. यहां सीपीआई कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया. मिथिलांचल के रीति-रिवाज के अनुसार कन्हैया कुमार को पाग, साल और गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया गया. इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से काफी पुलिस बल की तैनाती की गई थी.

29 फरवरी को गांधी मैदान में महारैली
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बापू की बलिदान दिवस 30 जनवरी है. 30 जनवरी 1948 को आतंकवादी नाथूराम गोडसे ने बापू की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसी बलिदान दिवस के मौके पर पश्चिम चंपारण से जन-गण -मन यात्रा की शुरुआत की गई है. जो 29 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में नागरिकता बचाओ, देश बचाओ महारैली में तब्दील होगी. उन्होंने कहा कि उसी का न्योता देने के लिए हम बिहार के विभिन्न जिलों से होते हुए झंझारपुर आए हैं. यह लड़ाई राजनीतिक नहीं बल्कि नैतिक लड़ाई है.

सभा में पहुंचे लोग

संविधान बचाने की यात्रा
कन्हैया कुमार ने कहा कि अमित शाह लोकसभा में नागरिकता बिल लाने के समय अहंकार में थे. उनका चेहरा अहंकारी की तरह लग रहा था. संख्या बल अधिक होने के कारण उनमें अहंकार समाया हुआ है. लेकिन उन्हें रामचरितमानस का ज्ञान नहीं है. रावण को भी बहुत संख्या बल का अहंकार था. लेकिन विजय सदैव सत्य की होती है. उन्होंने कहा कि यह यात्रा एमपी, एमएलए, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनाने के लिए नहीं है. बल्कि संविधान बचाने की है.

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लोगों को जागरूक होने की जरूरत
कन्हैया कुमार ने कहा कि सरकार हर सरकारी तंत्र के निजीकरण करने में लगी हुई है. भारत पेट्रोलियम हो एलआईसी हो या बीएसएनएल हो. सभी का निजीकरण किया जा रहा है. जब सरकारी स्कूल, सरकारी ऑफिस और सरकारी संस्था नहीं चाहिए. तो हमें यह सांसद और प्रधानमंत्री क्यों चाहिए. लोगों को जागरूक होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने संविधान पर खतरा की बात कही थी. संविधान पर खतरा है और संविधान को बचाने की जरूरत है.

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