मधुबनी: जिले में हो रही मूसलाधार बारिश से कमला बलान नदी खतरे के निशान से 1 मीटर 95 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. पूर्वी तटबंधों में कई जगह रेनकट हो गया है. नदी के दोनों तटबंधों पर पानी का दबाव काफी बढ़ गया है. जिससे इलाके के लोगों में फिर से भय का माहौल है.
कमला बलान के तटबंधों में रेनकट से सहमे लोग बांध टूटने के डर से सहमे लोग
नदी के उफान पर आने से इलाके के लोग 2 महीने पहले हुए तबाही को याद कर सहम उठते हैं. इस बारे में स्थानीय मुखिया जगदीश का कहना है कि 2 महीने पहले 14 जुलाई को कमला बलान का पश्चिमी तटबंध कई जगहों से टूट गया था. जिस वजह से नदी ने पूरे जिले में तांडव मचाया था. इस तबाही में लगभग 35 लोगों की मौत हुई थी.
'करोड़ों रुपए खर्च, फिर भी सुरक्षा कायम नहीं'
मामले पर परतापुर निवासी रेखा देवी और विजय राम का कहना है कि मानसून से पूर्व बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल ने कमला बलान तटबंध का मरम्मत करवाया था. मरम्मत में विभाग ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिए. लेकिन बांध की सुरक्षा कायम नहीं रह सकी. कमला बलान का पूर्वी और पश्चिमी तटबंध कई जगहों पर टूट गया. बांध टूटने से करोड़ों रुपए की क्षति हुई थी. लाखों लोग बेघर हुए थे. जबकि दर्जनों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.
बांध मरम्मत के लिए रखा गया सैंड बैग परतापुर घाट पर मंडरा रहा खतरा
बताया जाता है कि कमला बलान के पूर्वी तटबंध पर स्थित परतापुर घाट और रखवारी के पास पहले भी टूट चुका है. इन तटबंधों को 45 लाख की लागत से ग्रामीणों के सहयोग से मरम्मत किया गया था. लेकिन इतनी राशि खर्च करने के बाद भी बांध का फिर से टूटना जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान है.
कभी भी टूट सकता है बांध
गौरतलब है कि जिले में पिछले 4 दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है. इस बारिश से कमला बलान नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कमला नदी खतरे के निशान को पार कर 1 मीटर 95 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. नदी का जलस्तर बढ़ने से दोनों तटबंध में कई जगह दबाव बनता जा रहा है. यह कभी भी टूट सकता है. नदी का रौद्र रूप देखकर स्थानीय लोग काफी डरे सहमे हैं.