कटिहार.सरकार एक ओर दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. दिव्यांगों को विशिष्ट पहचान देने के लिए यूडीआईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं. पूरे देश मे आगामी एक अप्रैल से ऑनलाइन सर्टिफिकेट को मान्यता देने की योजना है. वहीं, दूसरी ओर कटिहार में दिव्यांगजन डॉक्टरों की मनमानी से परेशान हैं. सदर अस्पताल में जब दिव्यांगों के लिए जांच शिविर का आयोजन किया जाता है तो डॉक्टर के दर्शन दुर्लभ हो जाते हैं. इसके कारण दिव्यांगजन कागजात बनवाने के लिए नाकों चने चबा रहे हैं.
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ड्यूटी से डॉक्टर गायब
मंगलवार को मेडिकल कैम्प के दिन डॉक्टर ड्यूटी से गायब मिले. कटिहार सदर अस्पताल में जिलेभर के दिव्यांग अपने परिजनों के साथ मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने पहुंचे. कागजात बनवाने से पहले दिव्यांगों की जांच मेडिकल बोर्ड द्वारा की जाती है. सदर अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही की स्थिति यह दिखी कि मेडिकल बोर्ड के डॉक्टर काफी देर से पहुंचे और एक-दो मरीज की जांच कर कोरम पूरा कर चलते बने.
इसके चलते दर्जनों की संख्या में आए दिव्यांग जांच के इंतजार में खड़े रह गए. 35 किलोमीटर दूर खुशहालपुर से जांच कराने पहुंचे मुजफ्फरहुसैन बताते हैं कि मरीजों की जांच किए बिना ही डॉक्टर चले गए. बीस किलोमीटर दूर आजमनगर से पहुंची सुनीता देवी ने कहा कि इतने दूर से जांच करवाने अपने बच्चे को लेकर आई हूं, लेकिन डॉक्टर के इंतजार में खड़ी रह गई. परिजन मुकेश मंडल भी कुछ इसी तरह से परेशान दिखे.
गौरतलब है कि जिला अस्पतालों में महीने में एक कार्यदिवस में दिव्यांग मेडिकल कैम्प के आयोजन का प्रावधान है. डॉक्टरों की मनमानी के चलते जिले के दिव्यांग अपना मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए परेशान हैं.