जमुई: जिले के केड़िया गांव के किसानों ने पर्यावरण को बचाने के लिए एक अच्छी पहल की है. लोगों ने यहां रासायनिक खेती और बोरिंग का बहिष्कार कर दिया है. किसान यहां जैविक खेती कर रहे हैं. लोगों ने सिंचाई के लिए बोरिंग के बजाय कुएं का पानी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
दरअसल यहां ग्रामीणों ने रसायनिक खेती करना बंद कर दिया है. उन्होंने जैविक खेती को अपनाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखने का लोगों को एक सकारात्मक संदेश दिया है. साथ ही ग्रामीणों ने यहां बोरिंग का बहिष्कार कर कुएं के पानी को अपनाना पसंद किया है. उनके मुताबिक बोरिंग करने से जलस्तर काफी नीचे चला जाता है. जिससे इलाके में पानी की समस्या होती है. ग्रामीण यहां नदी-तालाब में पानी का संरक्षण करते हैं और खेतों में पटवन करते हैं.
भीषण गर्मी में लहलहा रहे फसल
ग्रामीणों ने कहा कि जिस तरह का माहौल है कि पर्यावरण को नुकसान हो रहा है और पानी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसीलिए सबसे पहले यहां के लोगों ने बोरिंग करवाना बंद किया. बोरिंग होने की वजह से पानी का स्तर नीचे चला जाता है. लेकिन जब से यहां के लोगों ने बोरिंग का बहिष्कार किया है, तब से यहां के कुएं में 20 से 30 फीट तक पानी प्रचूर मात्रा में उपलब्ध है. लोग यहां पीने के पानी से लेकर खेतों में पटवन भी आसानी से कर रहे हैं. इस भीषण गर्मी में भी खेतों में फसल लहलहा रहे हैं.