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गोपालगंज में छठ पूजा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह, मन्नत घाट पर तैयारी पूरी

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Published : Nov 20, 2020, 1:42 PM IST

गोपालगंज में अर्घ्य की तैयारियां पूरी कर ली गई है. घाटों पर अभी से ही लोगों की भीड़ दिख रही है. शाम में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

महापर्व की तैयारी
महापर्व की तैयारी

गोपालगंज: कुचायकोट प्रखण्ड के सासामुसा के पास बाण गंगा के किनारे स्थित मन्नत घाट पर छठ व्रतियों की भीड़ इकट्ठा होने लगी है. छठ को लेकर श्रद्धालु भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य देने के लिए तैयारियों में लग गए हैं. लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर छठ घाटों की साफ-सफाई,रंग-रोगन और सजावट का कार्य पूरा कर लिया गया है.

छठ व्रतियों की पूरी होती है मन्नत
कुचायकोट प्रखंड के सासामूसा में दाहा नदी जिसे बाण गंगा के नाम से भी लोग जानते हैं. लोगों का कहना है कि नदी के किनारे छठ करने से हर मन्नतें पूर्ण होती हैं. शायद यही कारण है कि इसे मन्नत घाट के नाम से भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि श्रद्धा के साथ मांगी गईं मन्नतों को छठी मईया अवश्य पूरा करती हैं. इसी आस्था को लेकर व्रती इस घाट पर भक्ति व समर्पण के साथ पूजा-अर्चना करते हैं. एनएच 28 के सटे दाहा नदी के किनारे मन्नत घाट स्थित है. यहां पर छठ पूजा करने के लिए सासामूसा बाजार, सासामूसा गांव और आस-पास के कई गांवों सहित दूर दराज से व्रती और उनके परिजन आते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां आने वाले कई व्रतियों के परिजनों को नौकरी मिल गयी. इसलिए हर साल यहां पर कई लोग मन्नत मांगने के लिए छठ पूजा करने आते हैं. मन्नत पूरा होने पर यहां पूरे परिवार के साथ आकर पूजा-अर्चना करते हैं. इसके अलावा जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है वह यहां पर सिरसोपता का निर्माण भी कराते हैं. यही कारण है कि मन्नत पूरी होने पर यहां सिरसोपता की संख्या भी हर साल बढ़ती ही जा रही है. सिरसोपता के बारे में बताया जाता है कि यह उत्तर बिहार के गोपालगंज छपरा और सिवान में ही अमूमन देखने को मिलता है. ऐसा कहा जाता हैं कि ईंट सीमेंट और बालू के से बना यह सिरसोपता छठी मइया का प्रतीक है.

महापर्व की तैयारी

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