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गोपालगंज जहरीली शराब कांड : 13 में 9 दोषियों को फांसी की सजा, 4 को उम्रकैद

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Published : Mar 5, 2021, 3:33 PM IST

Updated : Mar 5, 2021, 7:48 PM IST

Poisonous liquor case
Poisonous liquor case

15:19 March 05

गोपालगंज के जहरीली शराबकांड के 13 में 9 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है.

गोपालगंज: साढ़े 4 साल बाद गोपालगंज के खजूरबानी जहरीली शराब कांड में अदालत ने दोषियों को सजा सुनाई है. अदालत ने कुल 13 दोषियों में 9 लोगों को फांसी और चार महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

19 लोगों की गई थी जान
दरअसल, नगर थाना के खजुरबानी में जहरीली शराब कांड में कुल 19 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 6 लोग अंधे हो गए थे. इस शराब कांड के बाद नगर थाना पुलिस ने खजुरबानी गांव के मुख्य अभियुक्त नगीना पासी, रुपेश शुक्ला सहित कुल 14 लोगों को अभियुक्त बनाया था. इस मामले में नामजद एक आरोपी की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी. अब सिर्फ 13 नामजद अभियुक्त जिन्दा हैं. जिसमें से आज 9 लोगों को फांसी और चार महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

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14 में 13 को सजा, एक की हो चुकी है मौत
इसमें अवैध शराब के कारोबार में संलिप्तता पाते हुए खजुरबानी वार्ड नंबर 25 निवासी छठू पासी, कन्हैया पासी, लालझरी देवी, कैलाशो देवी, नगीना पासी, लालबाबू पासी, राजेश पासी, सनोज पासी, रीता देवी, संजय चौधरी, रंजय चौधरी, मुन्ना चौधरी, इंदु देवी और ग्रहण पासी को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. इस कांड में पुलिस की ओर से आरोप पत्र दाखिल होने के बाद सुनवाई शुरू की गई थी. ट्रायल के दौरान ही एक अभियुक्त ग्रहण पासी की मौत हो गई थी. बाकी बचे 13 लोगों को दोषी पाया गया और सभी के खिलाफ सजा सुनाई गई.

9 को फांसी और 4 को आजीवन कारावास
लगभग साढ़े चार साल पहले जिले के खजुरबानी में जहरीली शराब पीने से इलाके के 19 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं 6 लोग इस शराब को पीने से अंधे हो गए थे. वर्षों तक सुनवाई के बाद शुक्रवार 3 मार्च को गोपालगंज के एडीजे-2 कोर्ट ने सभी आरोपियों को सजा सुनाई. 13 लोगों में से 9 पुरुषों को फांसी की सजा और 4 महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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क्या है पूरा मामला?
15 अगस्त 2016 की रात जिले के खजुरबानी मोहल्ले में जहरीली शराब पीने के बाद अचानक लोगों की तबीयत खराब होने लगी थी. 16 अगस्त की सुबह होते होते कुछ लोगों की मौत हो चुकी थी और कई लोग अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे थे. एक के बाद एक कुल 19 लोगों की जान चली गई थी. साथ ही 6 लोगों की आंखों की रौशनी चली गई थी. घटना की जानकारी मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया था. वरीय अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने 16 अगस्त की रात खजुरबानी मोहल्ले में छापेमारी की. इस दौरान भारी मात्रा में शराब बरामद की गई.  घंटों चली छापेमारी में शराब धंधेबाजों के घरों से लेकर आसपास के इलाके से शराब बरामद की गई थी. नगर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष बीपी आलोक के बयान पर नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया.

शराब में मिला था मिथाइल
जिले के खजुरबानी मोहल्ले से भारी मात्रा में शराब बरामद होने के बाद उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था.  जांच के बाद पता चला कि शराब में मिथाइल मिला हुआ था. जिसके बाद पुलिस ने इसी आधार पर अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया था. ट्रायल के दौरान सात लोगों की गवाही हुई थी.  

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शराबबंदी के बाद हुई थी घटना
इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि जिस वर्ष बिहार में शराबबंदी की घोषणा हुई, उसी साल जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की जान चली गई. बता दें कि बिहार में 1 अप्रैल 2016 को शराबबंदी कानून लागू हुआ. वहीं गोपालगंज में 15 अगस्त की रात जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई. उस वक्त भी पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में थी. वहीं आज भी शराबबंदी को लेकर पुलिस की कार्यशैली कटघरे में है. विपक्ष कहता रहा है कि शराबबंदी या तो पूर्ण रूप से हो या फिर इसमें संशोधन किया जाए. लेकिन सरकार ना तो इसे पूर्ण रूप से लागू करने में सक्ष्म है और ना ही संशोधन पर बात करती है. हाल के दिनों भी बिहार के अलग-अलग जिलों जैसे कैमूर और मुजफ्फरपुर में कई लोगों की मौत जहरीली शराब से पीने से हुई है. वहीं विपक्ष का कहना है कि यह सरकार की नाकामी है. लेकिन सत्ता के नशे में चूर नीतीश कुमार को इससे कोई फर्क तक नहीं पड़ रहा है.

Last Updated : Mar 5, 2021, 7:48 PM IST

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