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गया: गोबर से जैविक खाद बनाकर मोटा मुनाफा कमा रहा ये किसान, मंदी के दौर में लोगों को दे रहा रोजगार

जिले के बाजारों में जैविक खाद की मांग बढ़ गई है. वहीं, इस मांग की पूर्ति हर साल संतोष पौने दो एकड़ जमीन पर पांच सौ से हजार मीट्रिक टन वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर करते हैं और बाजारों में बेचते हैं.

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Published : Dec 23, 2019, 12:58 PM IST

production of organic manure from cow dung in gaya
गया के किसान संतोष

गया:बोधगया के शेखवारा गांव के किसान संतोष जिले में वर्मी कम्पोस्ट बनाने और उसे व्यवसायिक स्तर पर बाजार तक पहुंचाने का काम बखूबी कर रहे हैं. वे सरकार की ओर से दिए गए अनुदान से पौने दो एकड़ जमीन पर वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाकर लाखों रुपये कमा रहे हैं. यही नहीं, इनके यूनिट से 20 से 25 लोगों को रोजगार मिला है. जिसकी प्रशंसा मुख्यमंत्री ने भी की है.

जैविक खाद की पूर्ति करते हैं संतोष
बोधगया में सब्जियों की खेती पूरे तरीके से जैविक खाद से की जाती है. जिससे जिले के बाजारों में जैविक खाद की मांग बढ़ गई है. वहीं, इस मांग की पूर्ति हर साल संतोष पौने दो एकड़ जमीन पर पांच सौ से हजार मीट्रिक टन वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर करते हैं और बाजारों में बेचते हैं.

वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर मुनाफा कमा रहे संतोष

कैसे मिली सफलता?
संतोष बताते हैं कि शुरुआत में सिर्फ 5 गायों के साथ उन्होंने एक डेयरी खोला. फिर उन्होंने देखा कि गाय का गोबर बेकार पड़ा रहता था. फिर अचानक उन्हें जैविक खाद के बारे में जानकारी मिली. जिसके बाद उन्होंने गोबर से छोटे स्तर पर खाद बनाना शुरू किया. साथ ही उस खाद को खेत में भी उपयोग करने लगे. इससे खेत में फायदा होने लगा और कम दाम में फसल उपजने लगे. इसके बाद कृषि विभाग ने उन्हें खाद उत्पादन का व्यवसायिक यूनिट लगाने का सुझाव दिया. इसके अलावा विभाग ने उन्हें इस पर 50 प्रतिशत अनुदान के बारे में बताया. जिसके बाद संतोष 3 महीने में सफलता प्राप्त कर जैविक खाद से मुनाफा कमाने लगे.

वर्मी कम्पोस्ट यूनिट

किसानों को मिलता है सरकारी अनुदान
बता दें कि बिहार सरकार जैविक खाद के बढ़ावा देने के लिए कई तरह के योजनाएं ला चुकी है. जिसमें उसने राज्य में वर्मी कम्पोस्ट का व्यवसायिक यूनिट लगाने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत का अनुदान दे रही है. ऐसे में गया में सैकड़ों किसानों ने व्यवसायिक यूनिट लगाकर सरकारी अनुदान का लाभ उठाने की कोशिश की है.

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