गयाः जिले की भौगोलिक स्थिति सामान्य नहीं है, यहां का अधिकांश क्षेत्र पथरीला है. यहां खेती के लिए उपजाऊ जमीन भी सीमित हैं. इस बार यहां पिछले साल से भी कम बारिश हुई है. खेतों में धान के फसल लगे हैं. लेकिन पानी नहीं मिलने की वजह से वे सभी सूख रहे हैं. किसान और कृषि विभाग दोनों हथिया नक्षत्र में होने वाली बारिश पर आस लगाए बैठे हैं.
हथिया नक्षत्र से आस लगाए किसान
गया में किसान वर्षा नहीं होने से चिंतित हैं. भूमिगत जल स्रोत भी सिचांई के लिए साथ नहीं दे रहा है. जिससे बोया हुआ धान का फसल सूख रहा है और जमीनों में दरारें पड़ रही हैं. अब तक गया जिले में 62 फीसदी धान की फसल लगाई गई है. जबकि पिछले वर्ष इस समय 92 फीसदी फसल लग गई थी. किसान अभी भी बारिश के आखिर में हथिया नक्षत्र में पानी होने की उम्मीद में बैठे हैं. वहीं, गांव के किसान का कहना है कि बड़ी लालसा से फसल की बुआई की थी, लेकिन बारिश नहीं होने से पटवन नहीं हो पाया. जिससे फसल सूख गई है और जमीनों में दरार पड़ गई है. 27 सितंबर को हथिया नक्षत्र आ रहा है, यदि उसमें बारिश हुई तो खाने और बोने तक उपज हो जाएगा.