मोतिहारी: एक पुरानी कहावत है कि 'पूत सपूत तो का धन संचय और पूत कपूत तो का धन संचय'. लेकिन पूर्वी चंपारण जिले में पुत्रियां ही अपने माता-पिता की जान की दुश्मन बन गई हैं. मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के टिकुलिया गांव के रहने वाले नागेंद्र बैठा की छह बेटियां हैं. इन्होंने अपनी सभी बेटियों की शादी कर दी है. इनमें से पांच बेटियां अचानक एक साथ अपने मायके पहुंची और अपने माता-पिता के साथ मारपीट करके उन्हें अपने घर से भगा दिया है.
संपत्ति के लोभ में माता-पिता की पिटाई
बेटियों ने संपत्ति के लोभ में नागेन्द्र बैठा और उनकी पत्नी सुशीला देवी को अपने घर से बेघर करके उसपर कब्जा कर लिया है. जिस कारण दंपति भटकने को मजबूर हैं. पुलिस को आवेदन देने के बावजूद भी प्रशासन इनकी मदद नहीं कर रहा है. हालांकि नागेंद्र बैठा अपनी पत्नी सुशीला देवी के साथ छठे नंबर की सबसे छोटी बेटी और दामाद के यहां रह रहे हैं.
बेटियों ने मारपीट कर घर से निकाला
अपनी छोटी बेटी के यहां रह रही सुशीला देवी अपनी किस्मत को कोस रही है. पांच बेटी उनसे जमीन-जायदाद में हिस्सा मांगती है. जमीन-जायदाद अपने नाम पर लिख देने के लिए मारपीट करके उनकी बेटियों ने उनलोगों को घर से भगा दिया है. इसके साथ ही घर पर कब्जा करके वर्तमान में चार बेटियां अपने संतान के साथ रह रही है. उन्होंने बताया कि बेटियों ने जब घर से बाहर निकाला तब वह स्टेशन पर जाकर कुछ दिन रहे. उसके बाद वह अपने मायके चली गई. जिसकी जानकारी मिलने पर छोटी बेटी और दामाद बुलाकर अपने घर ले आए.
बेटियों ने घर से किया बेघर. बेटियों की अच्छे से की परवरिशनागेंद्र बैठा ने बताया कि उन्होंने अपनी सारी बेटियों की परवरिश अच्छे से की है. इसके साथ ही साथ पढ़ा-लिखाकर शादी भी कर दी. मेरी 6 बेटियां है. सभी की अच्छे से परवरिश की और पढ़ा-लिखाकर सभी की शादी कर दी है. लेकिन शादी के बाद छोटी बेटी को छोड़कर बाकी सभी पांच बेटियां संपत्ति के लालच में घर से मारपीट करके भगा दी है. इस समस्या को लेकर पुलिस को आवेदन भी दिया है. लेकिन पुलिस भी सहयोग नहीं कर रही है. -नागेंद्र बैठा, पीड़ित
बेटियों ने घर से किया बेघर. प्रशासन से भी नहीं मिल रहा मदद
नागेंद्र बैठा को जिला प्रशासन से कुछ उम्मीद थी. लेकिन प्रशासन के तरफ से भी उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिल रहा है. जबकि सरकार का फरमान है कि अपने माता-पिता को प्रताड़ित करने वाले संतान को दंडित किया जाएगा. इसके बावजूद भी ये दंपति अपनी बेटियों के जुल्म से दर-दर भटकने को मजबूर हैं.
प्रशासन से गुहार लगाते दंपति.