दरभंगा:सरकार शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होने के लाख दावे कर ले लेकिन हुक्मरानों की गलत नीतियों व शिथिल रवैया के कारण व्यवस्था में समुचित सुधार नहीं दिख रहा है. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण जिले के हनुमाननगर प्रखंड का एकमात्र मॉडल स्कूल राजकीय बुनियादी विद्यालय गोदाईपट्टी(Rajakiya Buniyadi Vidyalaya godaipatti ) है. यह विद्यालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. शिक्षकों के अभावके कारण बच्चे ही अपने से जूनियर क्लास के बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं.
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इस विद्यालय में नियमित शिक्षक नहीं है. सिर्फ 2 प्रतिनियुक शिक्षकों के सहारे 239 बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाती है. यहां पढ़ाई लिखाई से जुड़ी सुविधाओं का घोर अभाव है. विद्यालय के पास अपनी पर्याप्त भूमि होते हुए भी साधन एवं संसाधन की घोर कमी है. संसाधनों की कमी के कारण प्रभारी प्रधानाध्यापिका को हमेशा परेशानी होती है. ग्रामीणों की ओर से इस समस्या के निदान के लिए कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों से आग्रह किया गया. लेकिन इसके सुधार के लिए आज तक कोई सार्थक पहल नहीं किया जा सका.
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स्कूल में छात्रों की औसत उपस्थिति 70 से 80 प्रतिशत रहती है. इस विद्यालय में पढ़ने वाले अधिकांश छात्र दलित और पिछड़े समुदाय से आते हैं. बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड की ओर से वर्ष 2015 की 16 जुलाई को करीब 3 करोड़ रुपए की लागत से इस मॉडल स्कूल भवन की नींव रखी गई थी. स्कूल का नया भवन बनकर तैयार होने के 6 साल बाद भी इस क्षेत्र के बच्चों को 12वीं कक्षा तक शिक्षा मुहैया कराने का सरकारी फरमान धरातल पर नहीं उतर पाया है.
आज भी इस स्कूल में 8वीं कक्षा तक की ही पढ़ाई होती है. करीब 5 वर्ष पूर्व एक कार्यक्रम में यहां के सैंकड़ों ग्रामीणों से तत्कालीन डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह की ओर से स्कूल में शिक्षकों की कमी और 12वीं कक्षा तक तालिम मुहैया कराने का वादा किया गया था, जिसे आजतक पूरा नहीं किया गया है. इस समस्या को लेकर जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने नियोजन का हवाला देते हुए 27 फरवरी के बाद किसी भी तरह के बयान देने की बात कही है.