दरभंगा:नेपाल की तराई में कमला बलान, बागमती और कोसी नदी के कैचमेंट एरिया में भारी बारिश होने के कारण इन नदियों में आई बाढ़ से दरभंगा जिला वर्तमान में बाढ़ प्रभावित हैं. बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में संबंधित अंचलाधिकारियों एवं प्रखंड के वरीय प्रभारी पदाधिकारियों की तरफ से लगातार भ्रमण कर बाढ़ राहत कार्य एवं बाढ़ निरोधक कार्य कराए जा रहे हैं.
521 सामुदायिक रसोई का किया जा रहा संचालन
वहीं, जिलाधिकारी ने बतया कि जिले के कुल 15 प्रखंड के कुल 203 पंचायत बाढ़ प्रभावित हैं, जिनमें 156 पंचायत पूरी तरह से एवं 47 पंचायत अंशत प्रभावित हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार अब तक 936 गांव के 18 लाख 88 हजार 40 परिवार प्रभावित हुए हैं. सभी बाढ़ प्रभावित स्थानों पर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 521 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 2 लाख 21 हजार 465 लोगों को सुबह-शाम भोजन कराया जा रहा है. वहीं, उन्होंने कहा कि अस्थायी आश्रय बनाने के लिए 40 हजार 682 पॉलिथीन शीट का वितरण करवाया जा चुका है.
कई घरों में घुसा बाढ़ का पानी 485 नावों का हो रहा परिचालन
वहीं, जिलाधिकारी ने कहा कि पानी से घिरे गांवों में 9 हजार 910 सूखे फूड पैकेट का वितरण करवाया गया है. साथ ही अन्य प्रखंडों से जिला भंडार गृह से आवश्यकता अनुरूप पैकेट्स मांगने एवं वितरित करने का निर्देश दिया गया है. बाढ़ प्रभावित पानी से घिरे गांवों के लोगों के आवागमन एवं राहत कार्यों के लिए 485 नावों का परिचालन किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की 3 टीमें लगायी गयीं हैं, जो प्रभावित गांव से गंभीर बीमार एवं गर्भवती महिलाओं को भी गांवों से बाहर लाने और ले जाने की सुविधा प्रदान कर रहे है.
लोगों को दी जा रही निशुल्क दवा
वहीं, जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों में 85 स्थलों पर स्वास्थ्य शिविर का संचालन किया जा रहा है. यहां लोगों को उपचार के बाज निशुल्क दवा दी जा रही है. वहीं, पानी को शुद्ध पेयजल बनाने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के प्रभावित परिवारों के बीच 14250 हैलोजन टैबलेट वितरित किया गया है और स्वच्छता बनाये रखने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया जा रहा है. वहीं, उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पशुओं के उपचार एवं उनकी देखभाल के लिए 7 पशु कैंप कार्यरत हैं, जिनमें अबतक 620 पशुओं का उपचार किया गया है.