रोहतास: पीएम नरेंद्र मोदी ने गरीबों के घर को धुंआ रहित करने का वादा किया था. इसके लिए उन्होंने उज्ज्वला योजना की शुरूआत भी की. मगर पीएम मोदी की ये योजना अभी भी कई घरों की चौखट से दूर है. जिले के डेहरी प्रखंड में आज भी कई घर धुंए से भरे हैं. यही नहीं यहां की बहू-बेटियां खाना पकाने की जद्दोजहद में जंगले से लकड़ियां चुनने जाती हैं.
रोहतास जिला के डेहरी प्रखंड के पटनवा टोला की दलित बस्ती में आज भी लोग धुएं भरे चूल्हे में खाना बनाने के लिए मजबूर हैं. तकरीबन तीन सौ घरों की आबादी वाले इस गांव में एक भी परिवार को उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस नहीं मिली है. लिहाजा, यहां के दलित परिवार आज भी चूल्हे में लकड़ी झोंक कर खाना बनाने को मजबूर हैं.
नहीं पता क्या है योजना
लोगों को केंद्र सरकार की उज्जवला योजना के बारे में पता नहीं है. लोगों का कहना है कि वो खाना पकाने के लिए जंगल में सूखी लकड़ी की तलाश में जाते हैं. वहीं, गर्मी और बरसात के दिनों में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. गर्मी में लू के थपेड़े और बरसात में लकड़ियों के भींग जाने पर आम जीवन में काफी प्रभाव पड़ता है.
जमीनी स्तर पर है योजनाओं का अभाव
यहां सवाल यही उठता है कि आखिर क्यों सरकार की तमाम महात्वाकांक्षी योजनाओं की पहुंच निचले स्तर तक नहीं है. लिहाजा, ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यूं तो सरकार विज्ञापनों में पानी की तरह पैसे बहाती है, लेकिन योजनाओं के लिए सर्वे करा या कमेटी गठन कर जागरूक क्यों नहीं करती.