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बक्सरः जल जीवन हरियाली योजना को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर शुरू हुआ काम

उप विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण जल जीवन हरियाली के काम में रुकावट आ गई थी. लेकिन फिर से सभी काम युद्ध स्तर पर एक साथ शुरू कराए जा रहे हैं. जिससे जल्द से जल्द इस योजना को पूरा किया जा सके.

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Published : Jun 23, 2020, 1:46 PM IST

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बक्सरः पर्यावरण को बचाने के लिए राज्य सरकार ने जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत की थी. जिसका काम लॉकडाउन की वजह से रूक गया था. लॉकडाउन के बाद इसको गति देने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है.

जल संचयन को किया गया चिन्हित
जिले में अब तक 4,834 जलसंचयन को चिन्हित किया गया है. 976 पर स्थानीय लोगों का अतिक्रमण है. जिसमें से 642 को मुक्त करा दिया गया है और 779 पर काम शुरू करने के लिए निर्देश दिया गया है. बक्सर में कुल पोखरों की संख्या 574 है. जिसमें से अब तक 25 पर काम पूरा हो गया है.

देखें रिपोर्ट

पूरे किए जा रहे काम
वहीं, जिले में कुल आहारों की संख्या 579 जिसमें 187 पर काम चल रहा है और 69 पर काम पूरा हो चुका है. कुल पईन की संख्या 1189 जिसमें 115 का काम पूरा हो गया है.

चापाकल के पास बनाए जाएंगे सोख्ता
पीएचईडी विभाग के लगाए गए 15 हजार 2 सौ 90 चापाकल के पास सोख्ता बनाया जाएगा. जिमें 900 पर काम पूरा हो गया है और 1,503 जगहों पर काम चल रहा है.

जीविका दीदियां लगाएंगी पौधे
पौधारोपण को लेकर 142 पंचायत में 22 सौ पौधे लगाए जाएंगे. कृषि वानिकी के तहत निजी जमीन पर पौधा लगाने के लिए अब तक 30 हजार किसानों ने आवेदन किया है. वहीं, जीविका दीदियां 85 हजार पौधे लगाएंगी.

तालाब

क्या कहते हैं उप विकास आयुक्त
उप विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण जल जीवन हरियाली के काम में रुकावट आ गई थी. लेकिन फिर से सभी काम युद्ध स्तर पर एक साथ शुरू कराए जा रहे हैं. जिससे जल्द से जल्द इस योजना को पूरा किया जा सके.

प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता
बता दें कि सरकार की इस अति महत्वकांक्षी योजना में देर गोने को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है. जल जीवन हरियाली कार्यक्रम को लेकर जिला का प्रसिद्ध बसाव मठिया के पुजारी उमेश जी महाराज ने बताया कि शहर के बीचो बीच विश्राम सरोवर के नाम से प्रसिद्ध यह तालाब प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के कारण नाली में तब्दील हो गया है.

नहीं कराई गई तालाब की सफाई
बसाव मठिया के पुजारी ने बताया कि त्रेता युग में पंचकोशी यात्रा को समाप्त करने के बाद महर्षि विश्वामित्र ने इसी सरोवर पर अपना कुटिया बनाकर विश्राम किया था. लेकिन बार-बार प्रशासनिक अधिकारियों को आवेदन देने के बाद भी इस तालाब की सफाई नहीं कराई गई.

बसाव मठिया के पुजारी उमेश जी महाराज

योजनाओं का काम ठप
गौरतलब है कि कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में सभी योजनाओं का काम ठप हो गया था. अनलॉक लागू होने के बाद सभी योजनाएं शुरू कर दी गई हैं. जिसे जल्द से जल्द पूरा करने में सभी विभाग जुट गए हैं.

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