बक्सर: बिहार में इन दिनों सूरज आग उगल (Heat wave in Bihar) रहा है. लू के थपेड़ों से बिहार के 25 से ज्यादा जिलों के लोग बेहद परेशान हैं. इस बीच मौसम विभाग ने बिहार में अलर्ट जारी किया है कि 9 जिलों में गर्म पछुआ हवाओं की वजह से तापमान 43 डिग्री के पार जा सकता है. 17-18 अप्रैल को सर्वाधिक तापमान 46.7 डिग्री बक्सर में दर्ज (Buxar temperature tops in Bihar) किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 19.8 डिग्री गया में रिकॉर्ड किया गया. ऐसे में मौसम विभाग ने दोपहर में घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है.
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इस बाबत ईटीवी भारत ने बक्सर के जिलाधिकारी अमन समीर से खास बातचीत की. यह जानने का प्रयास किया कि आखिर ऐसा क्या परिवर्तन हुई है कि गंगा किनारे का यह जिला बिहार में सबसे ज्यादा तपिश झेल रहा हैं. एक अनुमान के मुताबिक बक्सर में करीब चौदह प्रतिशत वन क्षेत्र है जबकि तैतीस प्रतिशत होना चाहिए. बीते वर्षों को हम देखें तो अप्रैल महीने में कभी भी इस तरह की लू नहीं चलती थी. अप्रैल महीने के पहले हफ्ते से ही बिहार में गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिल रहा है. बक्सर पिछले 10-12 दिनों से तापमान के मामले में बिहार में टॉप पर है. इन मुद्दों पर बक्सर के डीएम अमन समीर से विस्तृत बातचीत की गयी.
ईटीवी भारत: बक्सर गंगा का तटीय क्षेत्र है लेकिन पिछले कुछ सालों से तापमान के मामले में बिहार में प्रथम रहता था. पिछले 10-12 दिनों से बक्सर टॉप पर है. ऐसा क्यों
डीएम - आईएमडी के वैज्ञानिक से बात हुई थी. इस बार अप्रैल माह में ज्यादा गर्मी पड़ रही है. पिछले वर्ष की तुलना में यह बात एकदम सही है. आईएमडी द्वारा भी बताया जा रहा है कि अप्रैल माह में 3 से 4 डिग्री तापमान ज्यादा है. आईएमडी के वैज्ञानिकों का कहना है कि बक्सर के साथ-साथ सासाराम में पछुआ का ज्यादा प्रभाव है. इसके कारण यहां का टेंपरेचर 46 डिग्री अभी रिकॉर्ड किया गया है. जो बिहार में सबसे ज्यादा है. अगले सप्ताह से राहत मिलने की उम्मीद है. ज्यादा गर्मी में सावधानी बरतनी है. अनावश्यक बाहर नहीं निकलें. लिक्विड अधिक से अधिक लें. स्थिति खराब हो तो सदर अस्पताल और सभी पीएचसी में अलग व्यवस्था की गयी है.
ईटीवी भारत: किस तरह की व्यवस्था की गई है ?
डीएम - सबसे पहले तो दो बिंदुओं पर सबसे पहला है हेल्थ. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से सिविल सर्जन को विस्तृत निर्देश दिया गया है. इसको लेकर विशेष व्यवस्था हर एक पीएचसी स्तर पर है. जिला अस्पताल में व्यवस्था की गई है. सबसे ज्यादा जो इंपॉर्टेंट मेडिसिन हैं, जिसकी गर्मी के मौसम में ज्यादा जरूरत होती है, सभी को उपलब्ध रखने के लिए सिविल सर्जन को कहा गया है. साथ-साथ एसी की व्यवस्था ठीक रखने को कहा गया है ताकि हिट स्ट्रोक के पेशेंट आतें हैं तो उनको यह सुविधा मिल सके. सभी अस्पतालों के डॉक्टरों को अलर्ट किया गया है. डिस्ट्रिक्ट अस्पताल में 24 घंटे डॉक्टरों को अलर्ट मोड पर रखा गया है.