भागलपुर: कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉकडाउन और हाल के दिनों में हुई बारिश व ओलावृष्टि से जिले कि खेती पूरी तरह चौपट हो गई है. रबी फसल से किसानों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन फरवरी-मार्च और अप्रैल माह में हुई ओलावृष्टि ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है. बारिश व ओलावृष्टि के चलते जिले में 20% फसलें नष्ट हो गई है. जिले के 242 ग्राम पंचायतों में लगभग सभी पंचायतों को नुकसान हुआ है. वहीं लंबी अफसरशाही कि प्रक्रिया से जिले के किसान कर्ज में डूब रहे है.
सहकारिता विभाग ने पैक्सों के माध्यम से इस साल गेहूं की खरीदारी का फैसला किया है. गेहूं की खरीदारी 15 अप्रैल से शुरू होनी थी, लेकिन अब तक विभाग की ओर से कोई निर्देश जारी नहीं हुआ है. गेहूं के लिए सरकारी रेट इस बार 1925 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है. लेकिन खरीदारी शुरू नहीं होने के कारण किसान 15 से 16 सौ रुपए प्रति क्विंटल बेचने को मजबूर हैं. इससे किसान को प्रति क्विंटल तीन से चार सौ रूपये का नुकसान हो रहा है. लॉकडाउन के कारण गेंहूं कि कटाई नही हो पाई है. वहीं जिन किसानों की फसल कटाई हुई है उन्हें सही कीमत नहीं मिल रही है.