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Published : Jul 5, 2023, 10:50 PM IST

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Bhagalpur News: क्लीनिक पर स्वास्थ्य विभाग का छापा, स्टाफ के साथ-साथ हर्निया का ऑपरेशन कराने आया मरीज भी भागा

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नारायणपुर जेपी कॉलेज रोड नारायणपुर में अवैध तरीके से संचालित क्लीनिक का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान वहां कोई संतोषजनक दस्तावेज नहीं मिला. जांच टीम ने इस आधार पर क्लीनिक को अवैध करार दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

क्लीनिक का औचक निरीक्षण
क्लीनिक का औचक निरीक्षण

भागलपुर:बिहार के भागलपुर में नारायणपुर में संचालित अवैध रूप से मां क्लीनिक परस्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच की. जांच में क्लीनिक अवैध पाया गया. जांच टीम को देखते ही क्लीनिक का स्टाफ और मरीज भाग गये. इससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल हो गया. प्रथम दृष्टया में क्लीनिक अवैध तरीके से संचालित पाया गया. क्योंकि उसके पास पंजीकृत होने का कोई प्रमाण नहीं था. मेडिकल टीम का नेतृत्व पीएचसी नारायणपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बिनोद कुमार कर रहे थे. उनके साथ डॉक्टर दीपक कुमार, हेल्थ मैनेजर शंकर पासवान और अनिमेष झा थे.

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क्लीनिक में अफरा-तफरी : जांच टीम के पहुंचते ही क्लीनिक में अफरा-तफरी मच गई. उस वक्त क्लीनिक में ऑपरेशन एक मरीज का हर्निया का ऑपरेशन होने वाला था. मरीज भी टीम को देखकर भाग गया. मेडिकल टीम ने जब क्लीनिक के संचालक आनंद सिंह से पूछताछ की तो पसीना छूटने लगा. टीम को जब कागजात दिखाया तो तभी कागजात फर्जी मिले. क्लीनिक पंजीकृत भी नहीं है. जांच टीम के सदस्यों ने मां क्लीनिक की जानकारी वरीय अधिकारियों को दे दी है. डॉ बिनोद कुमार ने बताया कि सिविल सर्जन कार्यालय भागलपुर से आदेश व क्षेत्र से शिकायत मिलने पर मां क्लीनिक की जांच की गई.

पांच से 20 हजार में होता है आपरेशन:जांच टीम से सदस्यों ने बताया कि क्लीनिक में ऑपरेशन का पांच से लेकर बीस हजार रुपये तक लिये जाते हैं. जिसका कोई बिल क्लीनिक नहीं देता है. जांच टीम के सदस्यों ने बताया कि क्लीनिक पर कार्रवाई करते हुए सीएस कार्यालय से आदेश मिलने पर इसे बंद करवाया जाएगा. बता दें कि इससे पहले भी मेडिकल जांच टीम नारायणपुर कई क्लीनिक पर छापा मारी गई थी, लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई थी. वरीय पदाधिकारियों का नाम लेकर कार्रवाई की बात कह कर छोड़ देते हैं.

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