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असम के डिटेशन कैम्प में 27 लोगों की मौत पर सीपीएम का विरोध मार्च, कहा- वापस लें NRC

सीपीआई एमएल कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए सरकार की एनआरसी नीति का विरोध किया. जिला महासचिव दिवाकर कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि नागरिक संशोधन बिल लाने के बाद असम के डिटेशन कैम्प में 27 निर्दोष लोगों की मौत हुई है.

सीपीएम का विरोध मार्च

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Published : Nov 6, 2019, 6:07 PM IST

बेगूसरायः असम के डिटेशन कैम्प में 27 लोगों की मौत के विरोध में सीपीआई एमएल नेता और कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया है. बुधवार को सीपीएम कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर विरोध मार्च निकाला. इन दौरान कार्यकर्ताओं ने एनआरसी का विरोध भी जताया.

प्रतिरोध मार्च में कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए सरकार की एनआरसी नीति का विरोध किया और नारे लगाए. पार्टी कार्यालय से निकला विरोध जुलूस शहर के कैंटीन चौक पर समाप्त हुआ. वहीं असम के डिटेंशन कैंप में मारे गए लोगों के मौत के लिए पीएम नरेंद मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेवार ठहराया. सीपीआई कार्यकर्ताओं विरोध जताते हुए नागरिक संसोधन बिल वापस लेने की मांग की. जिला महासचिव दिवाकर कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि नागरिक संशोधन बिल लाने के बाद असम के डिटेशन कैम्प में 27 निर्दोष लोगों की मौत हुई है.

विरोध प्रदर्शन करते सीपीआई एमएल कार्यकर्ता

अल्पसंख्यकों को भगाना चाहती है केंद्र सरकार
सीपीआई एमएल जिला महासचिव ने केंद्र रकार पर एमआरसी के बहाने देश के अंदर अल्पसंख्यकों के अंदर डर पैदा कर भगाने की बात कही. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि गृह मंत्री अमित शाह का बयान इस तरफ साफ इशारा करता है. लेकिन उनकी पार्टी ऐसा होने नहीं देगी. दिवाकर कुमार ने स्पष्ट करते हुए कहा कि सीपीआई उनके मंसुबों में कामयाब नहीं होने देगी.

जिला महासचिव दिवाकर कुमार

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