सीवान:17 जून को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में IED ब्लास्ट में सिवान का रहने वाले अमरजीत शहीद हो गए थे. शहीद अमरजीत हवलदार के पद पर तैनात थे. शहीद का पार्थिव शरीर बुधवार देर रात उनके पैतृक आवास लाया गया. सूचना मिलने पर भारी संख्या लोग जुटे. शहीद के गांव में मातमी माहौल पसरा हुआ है.
अंतिम दर्शन के लिये उमड़ा जनसैलाब
72 घंटे के लंबे इंतजार के बाद शहीद अमरजीत का पार्थिव शरीर देर रात 1 बजे सिवान के पैतृक आवास दिवालिया लाया गया. सुबह से ही उनके परिजन सहित हजारों की संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. सभी हाथ में तिरंगा लेकर देश और शहीदों के लिए नारे लगा रहे थे.
शहीद अमरजीत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पहुंचा शहीद के परिजनों से मिले स्वास्थ्य मंत्री
जैसे ही अमर शहीद अमरजीत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पर पहुंचा, भारत माता की जय, अमरजीत अमर रहे के नारों से इलाका गूंज गया. उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी गई. अमर शहीद के शव के साथ आए बिहार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी. उन्होनें कहा कि हमें गर्व है कि आप एक शहीद के पिता हैं. सदियों तक अमर शहीद अमरजीत की अमर कथाएं गांव के लोगों के साथ पूरा देश भी याद रखेगा.
'अमरजीत अमर रहे' के नारों से गुंजा सिवान लोगों की सरकार से अपील
गांव के प्रबुद्ध लोगों ने भी अपने गांव के सपूत की सहादत को सलामी दी. खुद को गौरवान्वित महसूस करते हुए कहा कि कहा कि हमारा बेटा फौज में है. वो देश की रक्षा कर रहा है ये हमारे लिये गर्व की बात है. उन्होंने सरकार से शहीदों के नाम पर स्मारक, अस्पताल और स्कूल खोलने की मांग की, ताकि यहां के लोगों को सुविधा मिल सके और शहीदों को याद रखा जा सके.