आसान नहीं होता लेखन का रास्ता, पद्मश्री रामदरश मिश्र ने बताई अपनी 'लेखन यात्रा' - AUTHOR RAMDARASH MISHRA
Published : Jan 27, 2025, 3:01 PM IST
नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जाने माने साहित्यकार रामदरश मिश्र को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई. हाल ही में ईटीवी भारत की रिपोर्टर शशिकला सिंह ने उनसे खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया, मैंने उपन्यास, कहानी, कविता, हिंदी साहित्य की सभी विधाओं में लेखन किया है. मात्र 11 साल की उम्र में अपनी पहली कविता लिखी और जब मैं दूसरी और तीसरी कक्षा में पढ़ता था तब से ही कविता पढ़ते समय मन में कविता लिखने का भाव उमड़ता था. मन में आता था कि मैं भी अपनी कोई कविता लिखूं. लेकिन, कविता लिखना इतना आसान नहीं था. उन्होंने आगे कहा, रस, छंद और अलंकार का अभ्यास शुरू कर दिया. फिर धीरे-धीरे कविताएं लिखना आ गया. फिर उपन्यास लिखने की भी शुरुआत हुई. उसके बाद यह सिलसिला करीब 80 साल तक चलता रहा. मुझे हिंदी साहित्य जगह में भी खूब प्यार और सम्मान दिया गया है. लेखन के लिए अपना रास्ता चुनना पड़ता है, भले देर हो. कोई बड़ा आदमी जिस तरह लिख रहा है, वैसा लिखने से हमें कुछ मिल जाएगा, यह सोचना गलत है.