बाराबंकी: जिले की एक अदालत ने साढ़े चार वर्ष पूर्व छोटे भाई द्वारा बड़े भाई की कुदाल मारकर हत्या करने के मामले में फैसला सुनाया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-2 अनिल कुमार शुक्ल ने बुधवार को छोटे भाई को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
अभियोजक अधिकारी अमित अवस्थी और रमाकांत द्विवेदी ने बताया कि बनगांवा थाना के टिकैतनगर निवासी मथुरा प्रसाद ने 10 अगस्त 2019 को थाने में तहरीर दी थी. जिसमें बताया गया था कि 10 अगस्त 2019 की रात करीब 11 बजे उसके बेटों राम बिहारी और श्याम बिहारी के बीच अचानक गाली गलौज और मारपीट होने लगी. जिसकी सूचना उसने पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस देखकर उसके दोनों बेटे घर से भाग गए. पुलिस ने दोनों की तलाश की नहीं मिले.
पुलिस के जाने के बाद दोनों भाई वापस आए और आधी रात को गांव के बाहर सड़क पर फिर से आपस में लड़ाई करने लगे. शोरगुल सुनकर बीच बचाव करने जब पिता पहुंचा तो उसके सामने ही श्याम बिहारी ने कुदाल मारकर बड़े भाई रामबिहारी की हत्या कर दी. पिता की तहरीर पर छोटे बेटे श्याम बिहारी के विरुद्ध पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 में मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. अभियोजन पक्ष ने बताया कि दोनों सगे भाइयों की पत्नियां भी सगी बहने थीं.