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छात्राओं को साइबर ठगी से बचाने के लिए योगी सरकार दे रही ट्रेनिंग, इन बातों का रखना होगा ध्यान

cyber fraud training: 10 प्रमुख साइबर स्कैम की दी जा रही जानकारी. हेल्पलाइन नंबर भी बताए जा रहे.

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छात्राओं को योगी सरकार दे रही ट्रेनिंग (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

लखनऊ: साइबर अपराध पूरे देश के सामने चुनौती बनी हुई है. खासकर युवा जो ज्यादातर अपना समय इंटरनेट पर देते है, वो साइबर अपराध का जमकर शिकार हो रहे हैं. इसमें छात्राएं भी शामिल हैं. ऐसे में योगी सरकार ने मिशन शक्ति के तहत छात्राओं को साइबर अपराध और स्कैम से बचने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है. छात्राओं को 10 प्रमुख साइबर स्कैम की जानकारी दी जा रही है. इनमें फर्जी फोन कॉल, केवाईसी अपडेट के बहाने ठगी, पार्सल अटकने के नाम पर धोखाधड़ी और डिजिटल गिरफ्तारी जैसे साइबर अपराध शामिल हैं.

सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, साइबर अपराध के प्रति छात्राओं के लिए चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के तहत विशेषज्ञों द्वारा बताया जा रहा है, कि इन साइबर स्कैम से हर उम्र के लोग प्रभावित हो सकते हैं. इसलिए, छात्राओं को खुद के साथ-साथ अपने परिवार को भी इन खतरों से सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है.

बेटियों को सशक्त बनाने की दिशा में कदम :बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह के मुताबिक, छात्राओं को साइबर दुनिया में सुरक्षित रहना सिखाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. यह अभियान उन्हें साइबर अपराधों और स्कैम का शिकार होने से बचाने के लिए सशक्त बनाएगा. साथ ही, उन्हें अपने आसपास के लोगों को भी इन खतरों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

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प्रमुख साइबर घोटालों की जानकारी दी जा रही है: योगी सरकार चाहती है, कि परिषदीय छात्राएं ट्राई फोन घोटाला, पार्सल ठगी, डिजिटल गिरफ्तारी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, सोशल मीडिया ट्रेडिंग घोटाला, बैंकिंग विवरण ठगी और केवाईसी से जुड़ी ठगी के बारे में जागरूक रहें. उदाहरण के तौर पर, ठग ट्राई से जुड़े होने का झूठा दावा करके मोबाइल नंबर की अवैध गतिविधियों में संलिप्तता के नाम पर सेवा निलंबित करने की धमकी देते हैं. बालिकाओं को यह समझाया जा रहा है, कि ट्राई ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करता; यह कार्य दूरसंचार कंपनियों द्वारा किया जाता है. इसी तरह, पार्सल अटकने का बहाना बनाकर पैसे की मांग करने वाले कॉल्स से सावधान रहने और तुरंत रिपोर्ट करने की सलाह दी जा रही है.

इसके अलावा, नकली पुलिस अधिकारी बनकर डिजिटल गिरफ्तारी या ऑनलाइन पूछताछ के झांसे से भी सतर्क रहने को कहा जा रहा है. पुलिस ऐसी कोई डिजिटल कार्रवाई नहीं करती. ठग फर्जी क्रेडिट कार्ड के नाम पर बड़े लेन-देन की पुष्टि के लिए फोन करते हैं. तुरंत बैंक से संपर्क कर जांच करने की सलाह दी जाती है. सोशल मीडिया पर दिखने वाली तेज मुनाफे वाली योजनाओं से भी सतर्क रहना जरूरी है. इनमें अधिकांश धोखाधड़ी होती है. केवाईसी अपडेट के बहाने व्यक्तिगत जानकारी मांगने वाले कॉल्स से भी बचने की सलाह दी जा रही है.

सुरक्षा के लिए सुझाव भी

  • किसी भी कार्रवाई से पहले जानकारी की सत्यता जांचें.
  • संदिग्ध कॉल्स और लिंक पर क्लिक न करें.
  • बैंकिंग लेन-देन की पुष्टि सीधे बैंक से करें.
  • संदिग्ध कॉल्स और नंबरों की तुरंत रिपोर्ट करें.
  • उच्च-रिटर्न वाली योजनाओं से सतर्क रहें.
  • केवाईसी अपडेट के लिए बैंक में व्यक्तिगत रूप से जाएं.
  • अपने बैंक और व्यक्तिगत विवरण को फोन पर साझा न करें.


साइबर स्कैम की रिपोर्ट करने का सुझाव:छात्राओं को साइबर अपराध और घोटालों की रिपोर्टिंग के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1800114000) और साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) के माध्यमों की जानकारी दी जा रही है. साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन को देने की सलाह दी जा रही है.

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