लखनऊ : प्रदेश सरकार के लगातार प्रयास से पर्यटकों की संख्या बढ़ने, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और रोजगार के अवसरों में बीते कुछ समय में काफी इजाफा हुआ है. पर्यटन सेक्टर में किए जा रहे प्रयासों से प्रदेश को देश के अग्रणी पर्यटन स्थलों में से एक बनाने की दिशा में मजबूती मिलेगी. साथ ही प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी.
पर्यटकों के ठहरने की सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर :योगी सरकार का विशेष जोर प्रदेश में पर्यटकों के ठहरने की सुविधाओं को बेहतर बनाने पर है. राज्य में होटलों की कमी को देखते हुए सरकार ने नए होटलों के निर्माण के लिए नियमों को और अधिक अनुकूल बनाया है. पर्यटन विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, वर्तमान में उत्तर प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या पर होटलों की संख्या 30 कमरे हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत लगभग 180 कमरे प्रति लाख हैं. इस अंतर को पाटने के लिए योगी सरकार ने होटलों के निर्माण के लिए नई नीतियों को मंजूरी दी है. इसके तहत राज्य के आवास विकास विभाग ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं, जिससे निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा और राज्य में होटल निर्माण को बढ़ावा मिलेगा. नए होटलों की स्थापना से न केवल पर्यटकों के ठहरने की समस्या का समाधान होगा, बल्कि स्थानीय व्यापारियों और छोटे उद्यमियों को भी फायदा पहुंचेगा.
पर्यटन क्षेत्र में 19.2% की वृद्धि का लक्ष्य :पर्यटन विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में काफी सुधार देखा गया है. 2020-21 से 2023-24 के बीच पर्यटन सेक्टर में 44.9% की वृद्धि दर्ज की गई है. इस बढ़ती हुई प्रवृत्ति को देखते हुए, योगी सरकार ने 2023-24 से 2024-25 तक इसमें और 19.2% की वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए राज्य सरकार ने कई पर्यटन स्थलों के विकास पर जोर दिया है, जिससे राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान मिलेगी.