लखनऊ:फलों, सब्जियों की उपज बढ़ाने को योगी सरकार ने एक नायाब पहल की है हाईटेक पौधशालाओं में वाजिब दाम पर निरोग और गुणवत्ता के पौधे मिलेंगे अब तक ऐसी ही 36 हाइटेक पौधशालाएं तैयार हो चुकी हैं इन हाई टेक पौधशालाओ से फलों और सब्जियों की खेती से रोजगार के साथ पोषण सुरक्षा भी मिलेगी.
अब तक तैयार हो चुकी हैं 36 पौधशालाएं:मिली जानकारी के अनुसार ये पौधशालाएं मनरेगा की मदद से बनेंगी. अब तक ऐसी 36 पौधशालाएं तैयार हो चुकीं हैं। शीघ्र ही 16 और पर काम चलेगा. इन हाईटेक पौधशालाओं में पौधे को नियंत्रित तापमान और नमी में तैयार किया जाता है. लिहाजा ये पौधे निरोग होते हैं. ऐसे में इनके रोपण से उपलब्ध सब्जियों और फलों की उपज तो अधिक होती ही है. गुणवत्ता में भी ये बेहतर होती हैं. लिहाजा, इनके दाम भी वाजिब मिलते हैं. उत्पाद का सही दाम मिलने से किसानों और बागवानों की आय बढ़ेगी. किसानों और बागवानों के हित में योगी और मोदी सरकार की जो भी योजनाएं चल रहीं हैं, उनका अंतिम लक्ष्य भी यही है.
नोएडा और गाजियाबाद को छोड़ हर जिले में बनेंगी हाईटेक पौधशालाएं:इसके लिए योगी सरकार गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) और गाजियाबाद को छोड़ बाकी 73 जिलों में हाईटेक नर्सरी (पौधशाला) बनाएगी. संबंधित जिले के कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) के अनुसार फलों और सब्जी की कौन सी प्रजातियां वहां के अनुकूल हैं, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा. जिले के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) जिन विश्विद्यालयों से ये केवीके संबद्ध हैं. उद्यान विभाग मिलकर इसका निर्णय लेंगे.
योगी सरकार की नायाब पहल, फलों और सब्जियों की खेती से रोजगार के साथ पोषण सुरक्षा भी, तैयार हो चुकी हैं 36 हाईटेक पौधशालाएं - 36 hi tech nurseries in up
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Sep 18, 2024, 1:51 PM IST
फलों और सब्जियों की उपज बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने एक और नायब नायाब पहल की है. इससे न केवल सब्जियों और फलों की उपज बढ़ेगी, बल्कि उनकी गुणवत्ता भी सुधरेगी.
रोजगार के साथ पोषण सुरक्षा भी मिलेगी:उल्लेखनीय है, कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही आधारित है. कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में फलों और सब्जियों का महत्वपूर्ण स्थान है. वैज्ञानिक स्तर पर यह साबित हो चुका है, कि फल और सब्जियां प्रति हेक्टेयर स्थानीय स्तर पर अधिक रोजगार के मौके उपलब्ध कराती हैं. प्रसंस्करण को जोड़ दिया जाय तो यह संख्या और अधिक हो जाती है. चूंकि इनमे विटामिंस और फाइबर प्रचुर मात्रा में मिलते हैं, इसलिए पोषण सुरक्षा में भी इनका महत्त्वपूर्ण योगदान है. इन सबमें इन हाईटेक पौधशालाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी.
प्रदेश में फलों और सब्जियों की खेती की संभावनाएं:नौ तरह के एग्रो क्लाइमेटिक जोन होने के कारण उत्तर प्रदेश में हर तरह के फलों और सब्जियों की खेती की संभावना है. प्रदेश की कुल भूमि का करीब 77% खेती योग्य है. खेती योग्य भूमि का करीब 85% सिंचित है. सबसे अधिक आबादी के रूप में श्रम शक्ति और बाजार भी उपलब्ध है. इस सबकी वजह से यहां फलों और सब्जियों की खेती की भरपूर संभावना है.
निर्यात की संभावना भी बढ़ेगी:योगी सरकार का कृषि उत्पादों के निर्यात पर भी खासा जोर है. एक्सप्रेस वे का संजाल, जेवर, अयोध्या और कुशीनगर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट और प्रयागराज से बाया वाराणसी पश्चिमी बंगाल के हल्दिया तक का देश का इकलौता जलमार्ग इन संभावनाओं को और बढ़ा देता है. भविष्य में योगी सरकार की योजना इस जलमार्ग का विस्तार अयोध्या तक करने की है. सरकार जिस तरह दादरी, गोरखपुर सहित 13 जिलों में कार्गो हब बनाने की तैयारी कर रही है उससे इनके निर्यात की संभावना और बढ़ जाएगी.