नई दिल्ली:गाजियाबाद के रहने वाले डॉ अरविंद डोगरा बीते तीन दशकों से दिल्ली एनसीआर के कई प्रतिष्ठित अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. फिलहाल डॉ डोगरा राज नगर स्थित हर्ष ईएनटी अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं. डॉ डोगरा ने अस्पताल में मरीजों का इलाज करने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर अपना खून देकर मानवता की मिसाल पेश की है.
डॉ. अरविंद डोगरा का कहना है कि उन्होंने ब्लड डोनेशन का सिलसिला 1989 से शुरू किया. कानपुर मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई के दौरान जब हॉस्टल में रहने वाले किसी छात्र के किसी परिवार वाले का ऑपरेशन आदि हो रहा होता था, तो ऑपरेशन के दौरान ही हॉस्टल में आवाज लगती थी कि इस ब्लड ग्रुप की जरूरत है जिसके पास हो वो तुरंत आकर डोनेट कर दें. हॉस्टल में रहने वाले सीनियर की मां का ऑपरेशन हो रहा था. उनका ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव था. तब पहली बार ब्लड डोनेट किया था.
डोगरा बताते हैं कि फिर सिलसिला आगे बढ़ता चला गया. पढ़ाई के दौरान कई बार डोनेट किया. पढ़ाई पूरी होने के बाद प्रैक्टिस की शुरुआत हुई. प्रैक्टिस के दौरान अस्पताल में मरीज का ऑपरेशन करने के लिए परिवार के कई लोग आते थे. लेकिन जब मरीज को खून की जरूरत पड़ने पर ब्लड डोनेट करने की बात आती तो परिजन अक्सर पीछे हट जाते थे. लोगों में ब्लड डोनेशन को लेकर काफी भ्रांतियां थी. अक्सर जब भी ऑपरेशन के दौरान मरीजों को ए नेगेटिव ब्लड ग्रुप की आवश्यकता पड़ती तो मैं ब्लड डोनेट किया करता था.