नई दिल्ली:दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन समय कम होने से सभी राजनीतिक दल सियासी समीकरण बनाने में जुट गए हैं. आम आदमी पार्टी सबसे पहले सभी 70 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर चुकी है. इस बार पार्टी ने 70 सीटों के लिए जो प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं, उनमें पिछली बार की तरह ही पांच प्रत्याशी मुस्लिम हैं. वहीं कांग्रेस की तरफ से जारी 21 प्रत्याशियों की सूची में अभी 3 मुस्लिम प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं.
राजनीतिक विश्लेषक अरशद फरीदी कहते हैं, दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी के कदम रखने से पहले मुस्लिम मतदाता कांग्रेस को एक तरफा वोट करते रहे हैं. बीजेपी के टिकट पर अगर कोई मुस्लिम प्रत्याशी उतरा है तब वह कुछ ही वोट पाने में सफल रहा. आम आदमी पार्टी के आने के बाद कांग्रेस का मोह छोड़कर मुस्लिम मतदाता आम आदमी पार्टी की तरफ आए. हालांकि, 2020 में हुए दिल्ली दंगे में आम आदमी पार्टी का रुख देखने के बाद वोटिंग पैटर्न बदल गया.
पांच मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में: इसका यह नतीजा रहा कि 2022 के नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को अच्छी खासी संख्या में मुस्लिम मतदाताओं ने वोट दिया. नगर निगम चुनाव में कांग्रेस 9 सीट जीतने में सफल साबित हुई. इसके बाद इस वर्ष जून में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को मुस्लिम मतदाताओं ने वोट दिया. मुस्लिम मतदाताओं के वोटिंग पैटर्न को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने इस बार भी सभी मुस्लिम बहुल विधानसभा सभी सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारे हैं. जहां जीत की संभावना अधिक है, वहीं पर पार्टी ने मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया है. आम आदमी पार्टी ने वर्ष 2015 और 2020 में जिन पांच सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे, उन्हीं सीटों पर इस बार भी पार्टी ने मुस्लिम चेहरे को उम्मीदवार बनाया है.
इन सीटों पर कांग्रेस चल सकती है दांव:प्रदेश कांग्रेस द्वारा 70 सीटों में से 21 सीटों पर जो उम्मीदवार बनाए हैं, उनमें तीन सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी हैं. जिनमें बल्लीमारान सीट से कांग्रेस ने अपने पूर्व विधायक व मंत्री हारून यूसुफ को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि इससे पहले हुए दो विधानसभा चुनाव में वह इसी सीट से चुनाव हार चुके हैं. उधर सीलमपुर सीट पर कांग्रेस ने अब्दुल रहमान को और मुस्तफाबाद सीट से मेहंदी अली को प्रत्याशी बनाया है. माना जा रहा है कि कांग्रेस आने वाली दूसरी सूची में ओखला, मटिया महल, बाबरपुर जैसी सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी को उतार सकती है.