करनाल:हरियाणा में किसानों की धान कटाई का सीजन चल रहा है. इस समय धान कटाई का सीजन अंतिम चरण पर है. ऐसे में किसान भाई आप अपनी आगे आने वाली नई फसल की तैयारी में जुट गए हैं. किसान भाई धान के बाद अपनी प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई करेंगे. लेकिन धान की बिजाई करने से पहले और धान कटाई के बाद किसानों के सामने एक बड़ी समस्या धान फसल अवशेष प्रबंधन की रहती है. जिसके चलते किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लेकिन आज ईटीवी भारत आपको बता रहा है कि फसल अवशेष प्रबंधन के साथ किसान भाई अपनी धान की फसल की बुवाई कैसे करें.
फसल अवशेष में आग लगाने का नुकसान:सबसे पहले हम आपको बता रहे हैं कि किसान भाई धान फसल अवशेष में आग लगा देते हैं. क्योंकि वह अपनी आने वाली फसल की बिजाई के चलते जल्दबाजी में ऐसा कदम उठा देते हैं. जिसे उनका और उनके खेत को तो नुकसान होता ही है. उसके साथ पर्यावरण और अन्य लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिस पर सरकार और जिला कृषि विभाग भी किसानों को जागरूक करने का काम करता है.
धान फसल अवशेष में आग लगने से किसानों के खेत की उर्वरक शक्ति खत्म होती है. जो किसान के खेत में मित्र कीट होते हैं. आज में जल कर वह नष्ट हो जाते हैं. जिससे पैदावार प्रभावित होती है. इसके साथ-साथ पर्यावरण भी दूषित होता है और कई बार इस आग से उठने वाले धुएं से सड़क दुर्घटना भी होती है. जिसे कई लोग अपनी जान गवा देते हैं. ऐसे में यह किसानों के साथ-साथ अन्य लोगों के लिए भी काफी नुकसानदायक है. इसलिए फसल अवशेष प्रबंधन करना सबसे जरूरी होता है.
फसल अवशेष प्रबंधन के साथ गेहूं की बिजाई:डॉ. वजीर सिंह जिला कृषि उपनिदेशक करनाल ने बताया कि किसान हरियाणा में लगभग 80% अपनी धान की कटाई कर चुके हैं. ऐसे में किसान भाई अपनी नई फसल गेहूं की बुवाई की तैयारी में लग गए हैं. लेकिन किसानों के सामने धान फसल अवशेष प्रबंधन एक बड़ी चुनौती रहता है. लेकिन किसान भाई अगर हमारे द्वारा बताए गए तरीके से गेहूं की बिजाई करते हैं. तो उसमें फसल अवशेष प्रबंधन भी आसानी से हो जाता है. उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के द्वारा और अन्य प्राइवेट एजेंसी के द्वारा सुपर सीडर और हैप्पी सीडर दो मशीन तैयार की हुई है. जिसे चाहे कितना भी फसल अवशेष प्रबंधन हो उसमें गेहूं की बिजाई आसानी से की जा सकती है.
दोनों कृषि यंत्रों पर विभाग और सरकार देती है 50% अनुदान:उन्होंने बताया कि किसान भाई फसल अवशेष प्रबंधन के साथ-साथ धान बिजाई के लिए सुपर सीडर और हैप्पी सीडर दोनों मशीनों का प्रयोग कर सकते हैं. इस विधि को ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने के लिए कृषि विभाग के द्वारा दोनों कृषि यंत्रों पर 50% अनुदान कृषि विभाग के द्वारा दिया जाता है. जिसका फायदा किसान भाई उठा सकते हैं. दोनों मशीनों के द्वारा गेहूं की बुवाई वैज्ञानिक विधि से की जाती है. जिसमें पैदावार भी अच्छी निकलती है.