पत्थर खदानों में हेवी ब्लास्टिंग से ग्रामीण परेशान, क्रेसर संचालकों की मनमानी के खिलाफ आंदोलन की तैयारी - बिरगहनी गांव
Stone Mines in Janjgir Champa जांजगीर चांपा के बिरगहनी में ग्रामीण क्रेसर संचालकों और पत्थर खदानों से परेशान हैं.पत्थर निकालने के लिए क्रेसर संचालक हेवी ब्लास्टिंग का सहारा ले रहे हैं.जिसके कारण गांव के घरों में दरारें आ गई हैं.
जांजगीर चांपा : विकास किस तरह से विनाश ला सकती है.इसकी बानगी जांजगीर चांपा के बिरगहनी गांव में जाकर देखा जा सकता है.इस गांव के आसपास कई पत्थर खदाने हैं.जिनसे क्रेशर के लिए पत्थरों को निकाला जाता है.इन्हीं पत्थरों को क्रेसर में लाकर गिट्टी बनाई जाती है.लेकिन जब पत्थरों को निकालने के लिए खदानों में ब्लास्टिंग की जाती है तो पूरा गांव दहल उठता है. ज्यादा पत्थर निकालने के लिए हैवी ब्लास्टिंग की जा रही है.जिसके कारण गांव में बने मकानों में दरार आने लगी है.
शिकायत के बाद भी असर नहीं :पत्थर खदानों के खिलाफ ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत की.लेकिन इन खदानों और क्रेसर संचालकों को लेकर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई. लोग अपनी जान जोखिम में डालकर गांव में अपने दिन काट रहे हैं.क्रेसर संचालकों की मनमानी के खिलाफ सरपंच और जनप्रतिनिधि अब कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं.
नियमों की उड़ा रहे धज्जियां :बिरगहनी गांव में क्रेसर संचालक सरकारी नियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं. बेखौफ होकर हेवी ब्लास्टिंग करके पत्थर का उत्खनन किया जा रहा है. ब्लास्टिंग के कारण पत्थर गांवों में गिरते हैं.जिनसे कई बार ग्रामीण जख्मी हो चुके हैं.वहीं निजी और शासकीय भवनों में दरारें आ गई हैं. क्रेसर संचालकों की इस मनमानी के खिलाफ सरपंच और ग्रामीणों ने कई बार खनिज अधिकारी को शिकायत की.लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
अधिकारी झाड़ रहे पल्ला :बिरगहनी क्षेत्र के क्रेसर खदानों में हैवी ब्लास्टिंग की शिकायत पर जिला खनिज अधिकारी ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. अधिकारी के मुताबिक ब्लास्टिंग के मामले में रायगढ़ के अधिकारियों तक सूचना पहुंचा दी गई है. वही आकर क्षेत्र की जांच करेंगे.
पैसा कमाने के लिए जान से खिलवाड़ :जांजगीर चांपा जिला के अकलतरा, शिवरीनारायण, नवागढ़ और चांपा क्षेत्र में क्रेसर खदान संचालित हैं. बड़े पत्थरों को तोड़ने में लिए क्रेसर संचालक मजदूरों के बजाय ब्लास्टिंग कराना ज्यादा उपयुक्त मानते हैं. क्रेसर संचालकों की इस मनमानी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने अब आंदोलन करने का मूड बनाया है.