बेमेतरा के सरदा स्पंज आयरन फैक्ट्री का ग्रामीणों ने किया विरोध, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - Bemetara Sarda Sponge Iron Factory - BEMETARA SARDA SPONGE IRON FACTORY
बेमेतरा के सरदा स्पंज आयरन फैक्ट्री का ग्रामीणों ने बुधवार को विरोध किया. लोगों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. साथ ही 10 दिनों के भीतर फैक्ट्री बंद न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
बेमेतरा:बेमेतरा जिले के बेरला क्षेत्र सरदा के ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में बुधवार को फैक्ट्री पहुंचे. यहां ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही विधायक दीपेश साहू और भाजपा के विरोध में कलेक्ट्रेट का घेराव किया. इसके बाद कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों की मानें तो फैक्ट्री के कारण ग्रामीण खेती किसानी नहीं कर पाएंगे. इससे उनको आर्थिक संकट झेलना पड़ेगा.
फैक्ट्री से खेती प्रभावित:दरअसल, सरदा में सरदा स्पंज आयरन फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि इस फैक्ट्री से खेती किसानी प्रभावित हो रही है. फैक्ट्री के कारण धीरे-धीरे यहां की जमीन की उर्वरक क्षमता खत्म हो जाएगी. यहां के 20 से 25 हजार लोग कृषि पर ही निर्भर हैं. खेती-किसानी से ही उनका घर चलता है. उनके ऊपर बेरोजगारी, भूखमरी और वातावरण दुषित होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होगी. मामले में विधायक भी ग्रामीणों के समर्थन में पहुंचे हैं. बेमेतरा विधायक दिपेश साहू ने कहा कि, " ग्रामीणों के समर्थन में मैं यहां उनके साथ आया हूं. ग्रामीणों की मांग सही है. "
ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा है. मैंने एसडीएम को निर्देशित किया है कि फैक्ट्री के संबंध में जांच की जाए. जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. -रणबीर शर्मा, कलेक्टर, बेमेतरा
जनसुनवाई में विरोध के बाद भी हो रहा निर्माण: बताया जा रहा है कि सरदा के किनारे से बह रही शिवनाथ नदी का जल दूर-दराज तक पीने का एक मात्र साधन हैं. वह भी दूषित होगा तो लोग कैसे जीएंगे. साथ ही सयंत्र के कारण नीचे बहने वाली नाली की दिशा भी बदल रही हैं. दिशा बदलने से बरसात में नाले का जल बावनलाख गांल बस्ती में घुसने सें पूरा गांव जलमग्न हो गया है. पर्यावरण विभाग की ओर से 27 दिसंबर 2021 को हायर सेंकण्डरी स्कूल सरदा में जन सुनवाई हुई थी. विरोध के बाद भी संयंत्र का काम जारी थी. इसके कारण क्षेत्रवासी किसान आक्रोशित थे. इसी समस्याओं को लेकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण, भाजपा नेता संयुक्त कार्यालय में पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे. ज्ञापन के अनुसार अगर 10 दिनों में फैक्ट्री का काम नहीं रोका गया तो ग्रामीण उग्र प्रदर्शन करेंगे.