दुमका:करते हैं संगठन में शक्ति है, एकता में बल है. कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है जरमुंडी प्रखंड के पेटसार गांव में. यहां के ग्रामीणों ने अपने खेत में पानी के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से निवेदन किया. लेकिन काम न होता देख सभी ग्रामीणों ने मिलकर श्रमदान किया और चेकडैम का निर्माण शुरू कर दिया.
दुमका जिले के जरमुंडी प्रखंड के पेटसार-नामीवरण गांव के ग्रामीण एकजुट होकर अपनी समस्या के समाधान में लग गए हैं. दरअसल पेटसार गांव के लोगों की आजीविका का एक बड़ा साधन उनकी कृषि योग्य भूमि है. इसमें खेती कर अपना जीवकोपार्जन करते हैं, लेकिन हाल के दिनों में कम बारिश की वजह से उनके समक्ष सिंचाई की समस्या खड़ी हो गई है. बगल से मोतीहारा नदी भी बहती है पर चेकडैम नहीं होने की वजह से सारा पानी बह कर निकल जाता.
ग्रामीणों ने अपनी इस समस्या को काफी दिनों प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि के सामने रखा पर उनकी समस्या पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. इस संबंध में पहल नहीं किए जाने से यहां ग्रामीण-किसान निराश होकर आपसी सहयोग से चेकडैम बनाने का बीड़ा उठाया है. इसी निर्णय के साथ आज मंगलवार से ग्रामीणों ने नींव खुदाई का कार्य प्रारंभ कर दिया है. इस काम में लगभग 150 परिवार के लोग लगे हुए हैं.
क्या कहते हैं किसान:चेक डैम निर्माण कार्य की अगुवाई करने वाले शीतल माझी का कहना है कि इस चेकडैम का निर्माण हो जाने से पेटसार-नामीवरण के अलावा अन्य गांव के किसानों को रबी और खरीफ फसल की खेती में सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी. जिससे उनके फसल में इजाफा हो सकेगा. रमाकांत शर्मा का कहना है कि इस चेकडैम के निर्माण से पानी के अभाव में अन्य परती जमीन जो बेकार रह जाता था उस भी खेती हो सकेगा.