उत्तरकाशी: टिहरी बांध की झील का जलस्तर बढ़ने से विकासखंड रोड का करीब दस मीटर हिस्सा झील में समा गया है. वहीं, आवासीय भवनों में भी नई दरारें उभरने लगी हैं. इससे लोगों में भय का माहौल है. प्रभावितों ने टीएचडीसी के सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए जाने पर रोष जताया है. जबकि टिहरी का क्षेत्र चिन्यालीसौड़ तक लगता है.
टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से विकासखंड रोड का एक हिस्सा वॉशआउट, बढ़ने लगी घरों की दरारें
चिन्यालीसौड़ में विकासखंड रोड का हिस्सा टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से वॉशआउट हो गया है. साथ ही कई घरों में दरारें बढ़ने लगी हैं.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : 5 hours ago
पिछले कुछ दिनों से टिहरी बांध की झील का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाकों में कटाव और मकानों ने नई दरारें उभरने लगी हैं. बीते दिनों चिन्यालीसौड़ में विकासखंड रोड का करीब दस मीटर हिस्सा झील में समा गया. विकासखंड के आवासीय भवनों में भी नई दरारें उभरने लगी हैं. एक दशक पहले यहां खंड विकास अधिकारी निवास झील की चपेट में आ गया था, जिसका भुगतान भी आज तक विकासखंड को नहीं हुआ है. साल 2007-08 में टिहरी बांध झील पहली बार 830 मीटर तक भरने पर जोगत रोड में 60 भवन, दुकान, बेनाप भूमि और देवीसौड़ में सहकारी समिति का भवन झील में समा गए थे.
जिसका भुगतान आज तक भी नहीं किया गया है. इससे भवन स्वामियों में पुनर्वास विभाग और टीएचडीसी के खिलाफ रोष व्याप्त है. जोगत रोड निवासी उपेंद्र बिष्ट, दीपक बिष्ट, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शूरवीर रांगड़, व्यापार मंडल अध्यक्ष कृष्णा नौटियाल, ने टीएचडीसी से जोगत रोड पर आर्च ब्रिज तक सड़क निर्माण कार्य और सुरक्षात्मक उपाय करने की मांग की है. इधर, पुनर्वास विभाग नई टिहरी के एई एपी चमोली ने बताया कि जोगत रोड पर सड़क का भूस्खलन के लिए टीएचडीसी से सुरक्षात्मक उपाय और अन्य जरूरी कार्य के लिए पत्राचार किया जाएगा.
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