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बीमार पत्नी के लिए घर को बना दिया ICU, भावुक कर देगी विजय मंडल-अनीता की ये कहानी - BHAGALPUR LOVE STORY

कुछ रिश्ते हमारे दिलों को छू लेते हैं. भागलपुर में ऐसा ही एक पति-पत्नी का रिश्ता है, जिसे देखकर आप भी भावुक हो जाएंगे.

Bhagalpur Love Story
भावुक के विजय मंडल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 6, 2025, 5:50 PM IST

भागलपुर: 'प्यार' ढाई अक्षर का ऐसा लफ्ज है जिसके आगे कायनात भी छोटी पड़ जाती है. अमीरों ने अपना 'प्यार' दिखाने के लिए ताजमहल तक बनवाए लेकिन क्या गरीबी में 'प्यार' का इजहार नहीं हो सकता? मामला दिल का है इसलिए जवाब देना मुश्किल है, लेकिन भागलपुर के विजय मंडल का 'प्रेम' 'शाहजहां' की टक्कर का है. लाख परेशानियां सहकर भी उन्होंने अपनी पत्नी का साथ नहीं छोड़ा. रुखी-सूखी खाकर बीमार पत्नी का इलाज करा रहे हैं.

कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आते हैं विजय:भागलपुर के कहलगांव एकचारी के विजय मंडल और अनिता देवी उन परिवारों के लिए नजीर हैं, जो छोटी-छोटी परेशानी या बीमारी में अपनी पत्नी को छोड़ देते हैं. वहीं विजय बीमार पत्नी अनिता देवी के लिए एक दिन में तीन बार 4 साल से कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर लादकर पैदल ही ला रहे. उनकी दुनिया सिमट कर उसी 8x8 के कमरे सी हो गई, जिसमें दोनों जिंदगी का आखिरी समय साथ गुजार रहे.

विजय मंडल का पत्नी प्रेम (ETV Bharat)

विजय 4 साल से कर रहे पत्नी की सेवा: विजय मंडल की पत्नी अनिता देवी 4 साल से बीमार है और विजय पूरी तरह से पत्नी के लिए समर्पित हो गए हैं. कोरोना के दौरान उन्हें इंफेक्शन हुआ उसके बाद फेफड़े में संक्रमण हो गया. विजय अपनी पत्नी को लेकर भागलपुर में एक से बढ़कर एक बड़े डॉक्टर से मिल चुके हैं. उन्होंने जेएलएनएमसीएच से लेकर दिल्ली एम्स तक दिखाया, वहां भी उनका इलाज नहीं हो सका.

अनिता को 24 घंटे चाहिए ऑक्सीजन सपोर्ट:बता दें कि एम्स जैसे देश के बड़े अस्पताल ने भी अनिता को हमेशा ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखने की सलाह दी है. बकायदा एम्स से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी उपलब्ध कराया गया लेकिन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन एक साल ही चला. उसके बाद विजय मंडल ने दो कंसंट्रेटर खुद के पैसों से लिया. वह भी कुछ ही महीने में खराब हो गया. अनिता देवी को उनके घर मे ही 24 घंटे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता है.

4 साल से कर रहे पत्नी की सेवा (ETV Bharat)

कंधे पर ढोकर भरवाते हैं ऑक्सीजन सिलेंडर:विजय मंडल ने तीन ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदा है. जिसको लेकर रसलपुर से पैदल चलकर 3 किलोमीटर दूर एकचारी रेलवे स्टेशन जाते हैं. वहां से भागलपुर जाते हैं, फिर रेलवे स्टेशन से बरारी ऑक्सीजन रिफलिंग प्लांट या हुसैनाबाद स्थित प्लांट जाते है. वहां से सिलेंडर लेकर फिर वापस घर आते हैं. 24 घंटे में तीन दफा ये प्रक्रिया वह बीते तीन सालों से कर रहे हैं.

चार साल से ऑक्सीजन सपोर्ट पर पत्नी: ऑक्सीजन सिलिंडर लाने के बाद वह पत्नी की सेवा में लग जाते हैं. कभी सर को दबाते है तो कभी पैर दबाते हैं और पूरा दिन बिता देते हैं. विजय मंडल की एक छोटी सी दुकान है. उस दुकान को कभी बेटा तो कभी बेटी चलाती है. साथ ही दोनों पढ़ाई भी करते हैं. हर जगह से थक हारकर विजय मंडल ने अपनी पत्नी अनिता देवी को पिछले 4 साल से घर पर ही ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा है. वो सरकार से भी इलाज करवाने की गुहार लगा रहे हैं.

कंधे पर ढोकर भरवाते हैं ऑक्सीजन सिलेंडर (ETV Bharat)

पत्नी के लिए घर को बनाया आईसीयू:विजय मंडल ने बताया कि उनकी पत्नी को लंग्स में इंफेक्शन था. हर जगह उपचार के लिए गए लेकिन इलाज नहीं हो सका. डॉक्टर ने कहा हमेशा ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ेगा. उसके बाद से घर को ही उन्होंने आईसीयू बना दिया. जब सावित्री अपने पति को यमराज से छुड़ा लाया था तो हम मर्द होकर पत्नी की सेवा क्यों नहीं कर सकते हैं यमराज से लड़ सकते हैं। हम सेवा कर रहे हैं ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहती है एक मिनट भी ऑक्सीजन हटने पर तड़पने लगती है.

बीमार पत्नी के लिए घर को बना दिया ICU (ETV Bharat)

"दिन में तीन बार ऑक्सीजन सिलेंडर लेने जाता हूं और लेकर आता हूं. इससे कंधे पर गांठ हो गया है. मैंने पत्नी से हमेशा साथ देने का वादा किया था और साथ दे रहा हूं. 'छोडेंगे न हम तेरा साथ ओ साथी मरते दम तक' इस बात को पूरा कर रहा हूं. वहीं जब मैं सिलेंडर लेकर ट्रेन में जाता हूं तो कई बार लोग चढ़ाने नहीं देते हैं. चेहरा और कपड़ा देखकर धक्का देकर गिरा देते हैं. जिस वजह से मेरे पैर में भी चोट आ गई है. अब लोग मुझे पागल कहने लगे हैं."-विजय मंडल, बीमार अनिता देवी के पति

इलाज में खर्च हो गए बेटी की शादी के पैसे:अनिता देवी ने कहा कि उनके बच्चे और पति हमेशा उनकी सेवा करते हैं, भगवान ऐसा पति सबको दे. उन्होंने अपने पति को खुद के लिए भगवान समान बताया. वहीं बीमारी में 10 लाख से ज्यादा खर्च हो चुका है. सभी पैसा उन्होंने बेटी की शादी के लिए जमा करके रखा था. अब वो बेटी को बढ़ा रही हैं ताकि वो अपने पैरों पर खड़ी हो जिसके बाद उसकी शादी की जाए. उनका पूरा दिन एक कमरे में बेड पर परिवार के साथ गुजरता है.

"मेरे बच्चे और पति मेरी सेवा करते हैं, भगवान ऐसा पति सबको दे. मेरे पति मेरे लिए भगवान ही हैं. बेटी की शादी के लिए 10 लाख रुपया रखा था, जो मेरी बीमारी में खर्च हो गया. फिलहाल मेरे पति मेरे लिए सब कुछ कर रहे हैं, वो सभी कष्ट सह रहे हैं."-अनिता देवी, मरीज

सरकार की ओर से नहीं मिली मदद: विजय मंडल का घर अब जर्जर हो गया है, दीवारों में दरारें आ गई है. घर में किसी तरह राशन पानी हो पा रहा है. वो इधर-उधर काम कर दो बच्चों और पत्नी का पेट पाल रहा हैं. विजय मंडल की सराहना गांव के प्रतिनिधि से लेकर आम लोग भी करते हैं उनके पत्नी समर्पण के लोग मुरीद हैं. मुखिया प्रतिनिधि बताते हैं कि अपनी पत्नी के लिए विजय सब कुछ करते हैं. जब उन लोगों को ये मालूम हुआ तो उन्होंने विजय का राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनवाया लेकिन सरकार की तरफ से मदद जो मिलनी चाहिए थी वह अभी तक नहीं मिली.

विजय मंडल-अनीता की खास कहानी (ETV Bharat)

"विजय मंडल जैसा पति विरले ही देखने को मिलता है. वो खुद को पत्नी के लिए समर्पित कर चुके हैं. एक मदद की आस सरकार की ओर से है. उनकी पत्नी के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हो जाए और उनका इलाज हो जाये तो विजय भी सुकून से जिन्दगी जी सकते है."-प्रमोद कुमार, मुखिया प्रतिनिधि

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