वाराणसीःकाशी में हर साल कई हादसों में लोगों की जान चली जाती हैं. ऐसे में काशी में 19 ऐसे ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं जहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं. इनमें से दस ब्लैक स्पॉट बेहद खतरनाक थे, जिन्हें लेकर आरटीओ ने इस साल खास इंतजाम किए हैं. इसी के चलते यहां पर हादसों में तेजी से गिरावट आई है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.
काशी में सड़क दुर्घटनाओं में आई कमी. (photo credit: etv bharat gfx)
सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े जानिए: जिला सड़क सुरक्षा समिति ने इस साल काशी में जनवरी से जुलाई माह तक हुई दुर्घटनाओं का आंकड़ा जारी किया है. जिसकी तुलना में जनवरी 2023 से जुलाई 2023 तक 333 सड़क दुर्घटनाएं हुई,जबकि जनवरी 2024 जुलाई 2024 तक महज 324 सड़क दुर्घटनाएं हुई है.आंकड़े में 2.70 फ़ीसदी दुर्घटनाओं में कमी आई है. वही जनवरी से जुलाई 2023 तक मृतकों की संख्या जहां 202 थी, तो वहीं जनवरी 2024 से जुलाई 2024 के बीच घटकर 172 रह गई है. इससे मरने वालों के ग्राफ में 14.85 फीसदी की कमी आई.
बनारस के कई ब्लैक स्पॉट हुए खत्म. (photo credit: etv bharat gfx)
जुलाई के आंकड़े देखिए: आरटीओ के मुताबिक सिर्फ यदि जुलाई 2023 और जुलाई 2024 महीने की तुलना करें तो पिछले साल जुलाई में 37 लोगों की मौत हुई थी, जबकि इस साल महज 25 लोगों की मौत हुई है और हमें लगातार सड़क दुर्घटना में कमी देखने को मिली है. जुलाई 2023 में 60 सड़क दुर्घटनाएं हुई थी और 2024 में अभी तक 48 ही सड़क दुर्घटनाएं हुई है.
बनारस में लगाए गए संकेतक. (photo credit: etv bharat) दस ब्लैक स्पॉट खत्म किए:आरटीओ प्रवर्तन श्यामलाल ने बताया कि 1 साल में विभाग के समन्वय से कम हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए शहर के 10 ब्लैक स्पॉट को खत्म कर दिया गया है. इसमें मोहन सराय से कैंट के 3 और पड़ाव से रामनगर के 7 ब्लैक स्पॉट शामिल है. ये कुल 10 ब्लैक स्पॉट बेहद ही खतरनाक थे. यहां बड़े हादसे होते थे. ये अब समाप्त कर दिए गए हैं.
काशी में लगाई गई होर्डिंग. (photo credit: etv bharat) आखिर क्या पहल की जा रही: आरटीओ प्रवर्तन के मुताबिक लोगों को इन खतरनाक रास्तों के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही हेलमेट लगाने और सड़क सुरक्षा नियमों के संकेतक और होर्डिंग आदि लगवाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि NHAI के अफसरो से बातचीत हो गई है. 15 दिन के अंदर शहर के अलग-अलग जगह पर रोड, साइनेज और टेबल टॉप ब्रेकर बनवाने का काम शुरू हो जाएगा. इनमें हरहुआ चौराहे की दोनों तरफ टेबल टॉप ब्रेकर बनाए जाएंगे. इसके अलावा 18 जगह पर रोड साइनेज लगाने का काम पूरा किया जाएगा.
क्या होता ब्लैक स्पॉट: उन्होंने बताया कि ब्लैक स्पॉट की बात करें तो ऐसी 500 मीटर की वह रोड जहां 3 साल में पांच भीषण हादसे हो गए हैं उन्हें पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं या फिर उनकी मौत हुई हो या अलग-अलग हादसों में 3 वर्षों में 10 लोगों की मौत हुई हो, उसे ब्लैक स्पॉट माना जाता है. ऐसे में ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए संकेत तक लगाए जाते हैं. जैसे ज़ेबरा क्रॉसिंग, साइनेज रोड पर ब्रेकर, सफेद पट्टी, सोलर लाइट और हाई मास्क लाइट लगाया जाता है. वहीं लॉन्ग टर्म में ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए दुर्घटनाओं पर शोध करने के बाद सर्विस रोड अंडरपास फ्लाई, ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाता है और वहां 3 साल तक निगरानी रखी रहती है. यदि वहां हादसे की संख्या कम होती है तो उस स्थान को ब्लैक स्पॉट से खत्म कर दिया जाता है.
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