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आज से वेलेंटाइन वीक की शुरूआत, रोज डे के मौके पर बाजार में बढ़ी गुलाब की डिमांड - वेलेंटाइन वीक

valentine week started: आज से वेलेंटाइन वीक की शुरूआत हो चुकी है जो 14 फरवरी तक चलेगा. वेलेंटाइन वीक के पहले दिन को रोज डे के तौर पर मनाया जाता है. इस मौके पर फूल की दुकानों पर युवाओं की भीड़ देखने को मिलती है.

valentine week started
रोज डे

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 7, 2024, 5:40 PM IST

रोज डे से वेलेंटाइन वीक की शुरूआत

चंडीगढ़: वेलेंटाइन वीक की शुरूआत हो गयी है. वेलेंटाइन वीक के पहले दिन को रोज डे के तौर जाना जाता है. चंडीगढ़ में रोज डे के मौके पर फूल की दुकानों पर रौनक देखी जा रही है. हर उम्र के लोग गुलाब खरीद रहे हैं. गुलाब की कई किस्में मार्केट में उपलब्ध है. लाल गुलाब, पीला गुलाब, ऑरेंज गुलाब, सफेद गुलाब, गुलाबी गुलाब देखने को मिल रही है.

वेलेंटाइन वीक की शुरूआत: सात फरवरी से वेलेंटाइन वीक की शुरूआत होती है जो 14 फरवरी तक रहता है. रोज डे से इसकी शुरूआत होती है. इस मौके पर दुकानों में तरह-तरह के फूल सजाए गए हैं और उनके गुलदस्ते बेचे जा रहे हैं. इन फूलों की कीमत बात करें तो एक गुलाब के फूल की कीमत 40 रुपये से लेकर 70 रुपये तक है. वहीं गुलदस्ता जो आज से 5 दिन पहले ढाई सौ रुपए का बिक रहा था, वह आज 500 रुपये का बिक रहा है. वेलेंटाइन वीक में सातों दिन का अलग-अलग महत्व है. आइए एक नजर डालते हैं.

7 फरवरी- रोज डे

8 फरवरी- प्रपोज डे

9 फरवरी- चॉकलेट डे

10 फरवरी- टेडी डे

11 फरवरी- प्रॉमिस डे

12 फरवरी- हग डे

13 फरवरी- किस डे

14 फरवरी- वेलेंटाइन डे

विभिन्न प्रकार के गुलाब: रोज डे के साथ वैलेंटाइन वीक शुरू हो गया है. गुलाब का फूल देकर लोग अपने करीबियों से रिश्तों को मजबूती देने की कोशिश करते हैं. कुछ साल पहले तक मार्केट में लाल गुलाब ही दिखते थे. लेकिन अब गुलाब की कई किस्में देखने को मिलती है. बाजार में लाल के अलावा पीला, सफेद, ऑरेंज, गुलाबी यहां तक कि काला गुलाब भी देखने को मिलता है. फूलों के दुकानदार बताते हैं कि पहले गुलाब के फूल की बिक्री वेलेंटाइन डे को ज्यादा होती थी लेकिन अब पूरे सप्ताह इसकी मांग रहती है.

ट्रेंड में बदलाव: चंडीगढ़ के सेक्टर 35 के दुकानदार राजेश बताते हैं कि पहले के जमाने में हम सभी परिवार वाले लोग सुबह से लेकर शाम तक फूल बेचने के लिए खड़े रहते थे. लेकिन अब उतनी भीड़ नहीं देखने को मिलती है. कुछ लड़कियां और लड़के फूलों की दुकानों पर जाकर फोटो खींचकर खुश हो जाते हैं. जबकि उनमें से कोई भी फूल नहीं खरीद रहा है. इन फूलों का मतलब सिर्फ पुराने जोड़े ही समझते हैं जो आज फूल लेने के लिए दुकान पर आ रहे हैं. अगर आज से पांच साल पहले की बात करें तो इस दिन हमारे दुकानों पर भीड़ होती थी. जिन जोड़ों की अभी शादी हुई है वे जायदा फूल खरीद रहे हैं. राजेश का कहना है कि अब रील का जमाना है. लोग एक दुसरे को रील भेज कर खुश हो जा रहे हैं.

शाम को होती है भीड़:चंडीगढ़ के एक और दुकानदार गुरप्रीत सिंह ने बताया कि वह पिछले 7- 8 सालों से फूल और गिफ्ट आइटम बेच रहे हैं. गुरप्रीत का कहना है कि रोज डे वीकेंड पर नहीं है, इसलिए शाम को भीड़ ज्यादा होती है. गुरप्रीत ने बताया कि इन सात दिनों को फूल बेचने वाले दिवाली की तरह मानते हैं. क्योंकि और दिनों के मुकाबले इन 7 दिनों में फूलों की बिक्री 5 गुना अधिक होती है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग यहां से फूल खरीद कर जाते हैं.

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